गाँव के दबंगों ने लूटी हैं आम रास्ते की ज़मीन,पंचायत को नहीं बनाने दे रहे हैं पक्की सड़क |
शशांक तिवारी की रिपोर्ट
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आज़ाद भारत के गाँवों के विकास कराने के लिए लाया गया था पंचायती राज ,
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लेकिन अब जो मामला हम आपको दिखाने वाले हैं उसमे ना तो जिला प्रशासन सुध ले रहा हैं ना तो तहसीलदार औऱ ना ही गाँव की जनता द्वारा चुने गए विधायक महोदय |
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अब ग्रामीण जाए तो किसके पास जाएं क्योंकि गाँव की यह जनता अब अपने गाँव में हो रहे इस भेदभाव से परेशान हो चुकी हैं |
दरअसल यह मामला
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मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले की तहसील (मझौली) के अंतर्गत ग्राम पंचायत बैहर (कला) के गाँव डुंगरिया का हैं
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ज़िला मुख्यालय जबलपुर से 80 किलोमीटर दूर एक गांव डुंगरिया भी हैं |
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जिसे जबलपुर कलेक्टर यदि नक़्शे में देखें तो यह तहसील मझौली से 14 किलोमीटर की दूरी पर मिल जायेगा
वहाँ ग्रामवासियों का कहना हैं कि हमारे गाँव की जो एकमात्र सड़क हैं जो शहर से सीधा जोड़ती हैं उसे अब गाँव के दबंगो ने अपना कब्ज़ा बना लिया हैं औऱ पंचायत को पक्की सड़क बनाने से रोक रहे हैं जिसको लेकर उन्होंने कई बार लिखित शिकायत दी हैं
लेकिन आज़ाद भारत में जहाँ आज़ादी के नारे लग़ रहे वहीं इन बेसहारा ग्रामीणों की भी आवाज़ दबा दी जाती हैं |
स्थानीय तहसीलदार औऱ पटवारी से भी कई बार लिखित शिकायत के बावजूद कोई भी कार्यवाही नहीं की गई हैं |