मध्यप्रदेश में नहीं रुक रहीं किसान आत्महत्या ,कर्ज से परेशान किसान ने जहर खाकर दी अपनी जान

मध्यप्रदेश में नहीं रुक रहीं किसान आत्महत्या ,कर्ज से परेशान किसान ने जहर खाकर दी अपनी जान

रतलाम: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार अपने चुनावी वादे कर्ज माफी के कारण सत्ता में काबिज हो गई है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है
दरअसल रतलाम से एक बड़ी खबर सामने आ रही है एक और किसान ने कर्ज से परेशान होकर ,जहर खाकर अपनी जान दे दी, इस किसान का नाम जगदीश पाटीदार बताया जा रहा है, किसान अपनी जमीन बिकने और फसल खराब होने के कारण कर्ज में दबा हुआ था, रतलाम के कनेरी गांव का निवासी जगदीश पिता हीरालाल पाटीदार (उम्र 55 वर्ष) नामक किसान ने आत्महत्या कर ली है |


मंगलवार रात को रतलाम से दुकान बंद कर बाइक से गांव लौट रहा था उसी दौरान उसने रास्ते में सल्फास खाकर परिजन को फोन कर बतलाया कि उसका एक्सीडेंट हो गया जहां परिजन मौके पर पहुंचे तो जगदीश सड़क पर पड़ा था उसे अस्पताल पहुंचाया गया ,जहां रात करीब 12:00 बजे उसने दम तोड़ दिया, छोटे भाई राजू ने कहा करीब 1 साल से भाई जगदीश ने जमीन लीज पर ले रखी थी उसका कर्ज और इस साल अतिवृष्टि से फसल बर्बाद हो जाने के कारण वह बहुत परेशान रहते थे |

बड़ा सवाल- मध्यप्रदेश सरकार से
यदि सरकार ने कर्ज माफी की है तो किसानों की आत्महत्या क्यों नहीं रुक रही है?
क्या कमलनाथ सरकार सबकुछ अच्छा -अच्छा उद्योग लगाने के लिए प्रयास कर रही है?
क्या कमलनाथ सरकार के पास किसानों के लिए कोई सहानुभूति नहीं है ?क्योंकि मध्यप्रदेश में कई सरकारें आई और गई लेकिन प्रदेश के किसानों की स्थिति लगभग जहां की तहां
प्रदेश में किसानों की आत्महत्या नहीं रुक रही है?
आपको बता दें कि यही मध्य प्रदेश है जिसने कई कृषि कर्मण अवार्ड शिवराज सरकार में हासिल किए थे 
अब इसे प्रदेश का दुर्भाग्य कहें या सत्ता की लापरवाही, क्योंकि चुनावी मैदान से गांधी परिवार के नवाब राहुल बाबा ने तो भोली भाली जनता को 1 से लेकर 10 तक गिनती गिनाई थीं और कहा केवल 10 दिन ,10 दिन के अंदर हमारी नई सरकार याने अब कमलनाथ सरकार किसानों को कर्ज मुक्त करेगी
फिलहाल अब कमलनाथ सरकार को 10 दिन तो नहीं लेकिन 10 महीने के ऊपर हो चुके हैं लेकिन ना तो अभी किसानों का कर्ज माफ हुआ है 
ना ही किसानों की आत्महत्या रुकी है

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