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भांजे -भांजियों को " मामा" ने समझा मुर्गा और मुर्गी, खिला दिया मवेशियों का अनाज़ 

 

भांजे -भांजियों को ” मामा” ने समझा मुर्गा और मुर्गी, खिला दिया मवेशियों का अनाज़ 

केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की CAGL(Central grain analysis laboratory )लैब ने किया खुलासा : ग़रीबो को बांटा गया चावल जानवरों के लायक़ नहीं 

  • 21 अगस्त को केंद्रीय खाद्य मंत्रलाय ने प्रदेश के खाद्य मंत्री को लिखा था पत्र 
  • किरकिरी के बाद हरक़त में आई शिवराज सरकार ,बालाघाट के ज़िला प्रबंधक ,मंडला के फ़ूड इंस्पेक्टर को हटाया 
  • प्रदेश के सभी गोदामों में रखें चावल की FCI के साथ जाँच करेगी राज्य सरकार 

द लोकनीति डेस्क भोपाल 

भांजे और भांजियों को मुर्गा और मुर्गी समझ बैठी मध्यप्रदेश सरकार ,खिला दिया मवेशियों का अनाज़ 
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय द्वारा मध्यप्रदेश में पीडीएस का जो चावल राशन दुकानों कोरोना काल के दौरान गरीबों को बांटा गया था वह खाने योग्य नहीं था इस मामले के खुलासे के बाद राज्य सरकार एक्शन में आ गई है। सरकार ने बालाघाट जिले के जिला प्रबंधक को सस्पेंड कर दिया है। वहीं मंडला जिले के संविदा पर नियुक्त फूड इंस्पेक्टर को भी हटा दिया गया है।  अब सरकार मध्यप्रदेश में जहां-जहां चावल के गोदाम है उनकी जांच भी करवाएगी ताकि इस बात का खुलासा हो सके कि गरीबों को कोरोनाकाल  के दौरान बांटे गए पीडीएस के चावल खाने योग्य थे या नहीं।

क्या है पूरा मामला ???
  दरअसल यह पूरा मामला तब सामने आया जब केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की टीम ने कोरोना काल के दौरान प्रदेश के छिंदवाड़ा और बालाघाट जिले की राशन दुकानों में गरीबों को दिए जाने वाले चावल के 32 नमूने जांच के लिए थे। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की सीजीएल लैब में जांच के दौरान यह बात सामने आई कि जो चावल गरीबों को राशन दुकानों के माध्यम से दिया जा रहा था वह खाने योग्य नहीं था।  इसका साफ मतलब यह है कि चावल जानवरों दिखाने लायक भी नहीं था। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की जांच रिपोर्ट के बाद प्रदेश में अब हड़कंप मचा हुआ है । जांच में यह बात भी सामने आएगी जिनको दामों में यह चावल रखा हुआ था उसकी बोरियां 2 से 3 साल पुरानी जिसके कारण चावल की यही स्थिति हो गई।


अधिकारियों को लिखा पत्र, नागरिक आपूर्ति निगम भी कटघरे में :
नमूने फेल होने के बाद केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं जन वितरण प्रणाली मंत्रालय द्वारा प्रमुख सचिव खाद्य सिविल सप्लाईज, उपभोक्ता सुरक्षा मध्य प्रदेश को पत्र लिखा गया था। पत्र के सामने के आने के बाद से विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। मामला सामने आने के बाद नागरिक आपूर्ति निगम कटघरे में आ गया है, वहीं प्रदेश के सभी जिलों में चावल की जांच शुरू हो गई है। एफसीआई जबलपुर के अधिकारियों ने कटनी जिले के 4 से ज्यादा  गोदाम से चावल के नमूने लिए हैं। अब सरकार ने यह निर्णय लिया है कि पूरे मध्यप्रदेश में जहां-जहां गोदामों में चावल रखा हुआ है उसकी जांच की जाएगी।

 

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