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सिवनी में पाठशालाओं में लटक रहे हैं तालें, विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय

सिवनी में पाठशालाओं में लटक रहे हैं तालें, विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय

धूमा सिवनी से महेन्द्र सिंघ नायक

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में शिक्षा व्यवस्ता के मौजूदा हाल काफी अधिक चिंताजनक है. जिले के विकासखण्ड लखनादौन स्थित जनशिक्षा केन्द्र बैगापिपरिया के अंतर्गत आनेवाले विद्यालयों में  भ्रमण के दौरान शासकीय माध्यमिक शाला थाँवरी, शासकीय उन्नयन माध्यमिक विद्यालय चौकी एवं शासकीय माध्यमिक शाला बैगापिपरिया की वास्तविक स्थिति देखने को मिली जहाँ सुबह 10 बजे के बाद भी उपरोक्त दो शालाओं के ताले तक नहीं खोले गये थे. विद्यालय परिसर में शिक्षकों के गैरहाज़िरी के दौरान विद्यार्थी किताबें-बस्ते आदि लेकर खेलते-घूमते दिखे तथा शिक्षक का इन्तजार करते पाये गये. इसी तरह जनशिक्षा केन्द्र की मुख्यालय शाला बैगपिपरिया में विद्यालय के ताले तो खुले थे पर विद्यार्थी शिक्षक के आने का इन्तजार करते हुये मिले जबकि इस समय में 9:30 बजे से निदानात्मक कक्षायें   होनी चाहिये थी. इन विद्यालयों में मौजूद बच्चे तो पढ़ना चाहते हैं पर उनको पढ़ाने वाले शिक्षक ही तत्परता नहीं दिखा रहे हैं. 
 
जिले में शिक्षकों की अव्यवस्था और लापहरवाही का यह आलम है कि राज्य शिक्षा केन्द्र, जिला शिक्षा केन्द्र सहित कलेक्टर महोदय सिवनी के आदेशों को भी दरकिनार करते हुये यह शिक्षक विद्यालयों के दरवाजों पर ताला लगाकर अपनी अनुपस्थिति दर्ज करवा रहें हैं. इससे विद्यार्थियों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है. सवाल यह है कि अब जब मुख्य परीक्षा में बहुत ही कम समय शेष रह गया है, तो ये बच्चे बिना पूरी तैयारी के कैसे बोर्ड पैटर्न की परीक्षा उत्तीर्ण कर पायेंगे। बता दें कि इस बार 5वीं एवं 8वीं कक्षा के विद्यार्थी पहली बार बोर्ड पैटर्न पर परीक्षा देने वाले हैं. इस मामले पर शासन-प्रशासन को संज्ञान लेने की काफी आवश्यकता है ताकि इन विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय होने से बच सके. 

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