दमोह: आज के समय में जब राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महात्मा गाँधी की इज्जत प्रशासन नहीं कर पा रहा है तो आम आदमी का क्या हाल होगा यह तो आप सोच ही सकते हैं। मध्य प्रदेश के दमोह जिले में उच्च शिक्षा विभाग ने 26 जनवरी तक सभी निजी और शासकीय कॉलेजों में गांधी स्तंभ स्थापित करने का आदेश जारी किया था। कॉलेज प्रबंधकों ने इसका पालन करने के लिए आनन-फानन में गांधी स्तंभ तो स्थापित कर दिए, लेकिन जो प्रतिमाएं स्थापित की गईं हैं, वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चेहरे से कहीं तक मेल नहीं खा रही हैं।
छात्र-छात्राएं और आम लोग इन्हें देखकर चौंक रहे हैं। लीड कॉलेज के प्रभारी डॉ. केपी अहिरवार ने बताया कि यदि सही मूर्ति नहीं बनी है तो उसकी फोटो मंगवाएंगे और उसे देखने के बाद उचित निर्णय लिया जायेगा।
ये एक जगह का मामला नहीं है ऐसा ही मामला रीवा में हुआ है वहां भी जल्दबाजी में गाँधी जी की प्रतिमा लगाने के चक्कर में उनका चेहरा ही लगता है भूल गए। क्योंकि जो प्रतिमाएं स्थापित की गयी हैं उनका चेहरा गाँधी जी के चेहरे से मैच नहीं करता। इसी वजह से रीवा के मॉडल साइंस कॉलेज के छात्रों ने सत्याग्रह आंदोलन भी चलाया था।
इन कॉलेज में लगीं हैं प्रतिमाएं-
शासकीय कॉलेज जबेरा
शासकीय कॉलेज हटा
पीजी कॉलेज दमोह
केएन कॉलेज दमोह