उच्च शिक्षा विभाग के विरोध में 2 मार्च दोपहर 2 बजे महिला अतिथि विद्वान कराएंगे मुंडन
उच्च शिक्षा विभाग की संवेदनहीनता
विगत 83 दिनों से अपनी मांगों को लेकर राजधानी भोपाल के शाहजहानी पार्क में आन्दोलन कर रहे अतिथि विद्वानों ने शासन प्रशासन पर मांगों को अनसुना करते हुए विभागीय मंत्री जीतू पटवारी पर संवेदनहीनता के आरोप लगाए हैं।
अतिथि विद्वानों का आरोप है कि मध्यप्रदेश में चुनाव से मुख्यमंत्री कमल नाथ एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जिस पीएससी का विरोध कर रहे थे और जांच कराने की बात कहते थे सरकार में आने के अपने वादे और बातों से क्यों मुकर गए जबकि दिग्विजय सिंह ने तो इसे व्यापम 2 का नाम दिया था। साथ ही आरोप लगाया कि उनके साथ सरकार ने छलावा किया है। विगत 20 वर्षों से अध्यापन कार्य कर रहे प्रदेश के अतिथि विद्वानों से झूठ बोलकर लगभग 2700 अतिधि विद्वानों को सेवा से पृथक कर दिये कहा कि अतिथि विद्वानों के सामने अपना परिवार चलाने के लिए रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है साथ ही सवाल उठाया कि जब फर्जी नियुक्ति ही देनी थी तो अतिथि विद्वानों के आन्दोलन में आकर जीतू पटवारी जी 500 कैमरों के सामने झूठ क्यूं बोले कि पहले आपको नियमित करेंगें बाद में इनको देखेगे।
गौरतलब है कि विगत 19 फरवरी को महिला अतिथि विद्वान डॉ शाहीन खान ने तो अपना मुंडन तक करा लिया परन्तु सरकार की तरफ से कोई भी जिम्मेदार अतिथि विद्वानों की खबर लेने नहीं पहुँचा।
दिनांक 2 मार्च को फिर एक महिला अतिथि विद्वान अपना मुंडन कराने की बात कही है। सरकार और मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए अतिथि विद्वानों ने कहा कि मुख्यमंत्री,विभागीय मंत्री,अन्य मंत्रियों एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों तथा समाज के अन्य जिम्मेवार लोगों से यह विशेष अनुरोध है कि आप सब शाहजहानी पार्क में आकर अपनी मजबूर बहन के मुंडन कार्यक्रम को देखें।
अतिथि विद्वान संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक डॉ सुरजीत सिंह भदौरिया का स्पष्ट कथन है कि नियमितीकरण के बगैर ये आन्दोलन खत्म नही होगा। डॉ देवराज सिंह संयोजक के अनुसार इसी परिप्रेक्ष में आगामी 8 मार्च को कई महिला अतिथि विद्वान अपने मुंडन की घोषणा कर रखी है और समाज से यह मांग की है कि आप सब अपनी मजबूर बहनों के मुंडन कार्यक्रम में अवश्य पधारें।