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Finance Minister LIVE:- आर्थिक पैकेज पर निर्मला सीतारमण की दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में हो रहे बड़े ऐलान

नई दिल्ली / गरिमा श्रीवास्तव:- इस वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) आर्थिक पैकेज पर दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं. वित्त मंत्री आज प्रवासी मजदूर छोटे किसान को लेकर 9 अहम घोषणा करेंगी. 

 वित्त मंत्री(Finance Minister) ने कहा कि इस कोरोनावायरस महामारी के दौरान सरकार का ध्यान सबसे ज्यादा गरीबों और श्रमिक वर्ग पर है. साथ ही साथ अभी बताया कि लॉक डाउन के तुरंत बाद जरूरतमंदों के खातों में पैसे भेजे गए हैं. 3 करोड़ किसानों को रियायती दरों पर कर्ज भी दिया गया.तो वहीं छोटे किसानों को कम ब्याज दर पर 4 लाख करोड़ का लोन दिया गया. 

 किसानों के कर्ज ब्याज पर छूट 31 मई तक बढ़ा दी गई है. 

 वित्त मंत्री ने बताया कि 3 महीने में 86, 600 करोड रुपए के ऋण दिए गए हैं. वही राज्यों ने कृषि उत्पाद के जरिए किसानों की मदद की. राज्यों ने किसानों को 6700 करोड़ की मदद की. सभी राज्यों को आपदा फंड के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई.  गांव के आधारभूत ढांचे के लिए 4200करोड़ रुपए दिए गए.  साथ ही साथ शहरी गरीबों को शेल्टर और भोजन की मुहैया कराया जाएगा. Self Help Group ने  3 करोड़ मास्क बनाएं और 1लाख 20 हज़ार लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन किया है..SDRF के जरिए 11 हजार करोड़ की मदद की गई. वित्त मंत्री ने कहा कि हम प्रवासी मजदूरों का खास ध्यान रख रहे हैं.

 मजदूरों के लिए एसडीआरएफ(SDRF) की मंजूरी को इजाजत दी गई है. वित्त मंत्री ने कहा कि जो प्रवासी मजदूर अपने राज्य वापस लौट रहे हैं  उनको वहां पर काम दिया जाएगा जिसके लिए ₹10000 करोड़ रुपए खर्च किए गए. मजदूरों की औसत मजदूरी राशि ₹181 से बढ़ाकर ₹202 कर दी गई है.2.33 मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिलेगा. अब तक मनरेगा पर 10हज़ार करोड़ रुपए का खर्च किया जा चुका है.

 शहरी क्षेत्रों में गरीबों को तीन वक्त का खाना दिया जाएगा.

 2500000 नए किसानों को क्रेडिट कार्ड के लिए जाएंगे, सामाजिक सुरक्षा Unorganised सेक्टर में भी दिया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि श्रम कानूनों में सुधार पर लगातार काम चल रहा है. मजदूरों का साल में एक बार हेल्थ चेकअप भी होगा. जो मजदूर खतरे वाले क्षेत्र में काम करते हैं उनके लिए ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ लाया जाएगा जो उनके सुरक्षा का खास ख्याल रखेंगे.

 वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुधार के लिए काफी कदम उठाए गए हैं..

 सभी मजदूरों को मुफ्त अनाज मिलेंगे.

जिन मजदूरों के पास कार्ड नहीं है उन्हें भी राशन दिया जाएगा. सरकार के एनजीओ द्वारा बिना कार्ड वाले मजदूरों को भी अनाज दिया जाएगा.

 इस अनाज सप्लाई का पूरा भार केंद्र सरकार उठाएगी. सभी मजदूरों को मुफ्त गेहूं मुफ्त चावल और 1 किलो दाल बिना कार्ड के मिलेंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को इसे एम्पलेमेंट करना है. 

 जो नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट में नहीं आते ऐसे 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों के लिए 3500 करोड़ रुपए के राशन का प्रावधान किया गया.

 वित्तमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 5 स्तंभों की बात की थी और कहा था कि ऐसी तकनीक के जरिए व्यवस्था को आगे ले जा सकते हैं. 

 साथ ही वित्त मंत्री ने वन नेशन वन राशन कार्ड का ऐलान किया. यह अगस्त 2020 से लागू होगा.

वन नेशन वन राशन (One Nation One Ration)कार्ड इंप्लीमेंशन march 2021 तक वित्त मंत्री ने किया यानी कि एक राशन कार्ड से किसी भी राज्य में अनाज लिया जा सकता है. अब पूरे देश में एक ही राशन कार्ड चलेगा चाहे वह मजदूर किसी भी राज्य में हो. इस योजना से देश के किसी कोने में किसी भी राशन डिपो से राशन ले सकते हैं.

 शहरी गरीब और प्रवासी मजदूरों के लिए रेंटल स्कीम:-

 माइग्रेंट वर्कर और शहरी गरीब जो भी लोग हैं उनके लिए रेंटल अफॉर्डेबल हाउसिंग कॉलोनी बनाए जाएंगे. जिसमें रेंट बहुत कम लिया जाएगा. इस पर जल्द ही गाइडलाइन मंत्रालय की तरफ से जारी किया जाएगा. किराए से रहने वाले जो घर मिलेंगे वो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत होंगे. 

 25000 करोड़ के नए किसान क्रेडिट जारी किए जाएंगे.

 जो घर में काम करते हैं जो लोग ठेला लगाते हैं सबको कोविड-19 के समय बहुत सारी तकलीफों का सामना करना पड़ा है, उन लोगों को 5 हज़ार करोड़ रुपए की विशेष सुविधा दी जा रही है. 5000000 रेहड़ी, घरों में काम करने वाले लोगों को लाभ मिलेगा. जिसमें प्रति व्यक्ति ₹10000 की मदद की जाएगी.

 

 

 

 

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