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मध्यप्रदेश में लागू हुआ कानून, सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से सीधे होगी वसूली 

भोपाल/निशा चौकसे:- मध्यप्रदेश में आए दिन समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर विभाग का फीडबैक लेते हुए अफसरों और कर्मचारियों से कड़े सवालात में जुटे हुए थे. तो वहीं  हाल ही में सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान की वसूली कानून लागू हो गया है. राज्य सरकार ने इसकी अधिसूचना बुधवार शाम जारी कर दी है. जिसके तहत अब सांप्रदायिक दंगे, हड़ताल, धरना प्रदर्शन या जुलूस के दौरान पत्थरबाजी करने वाले या सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ इस कानून के अकॉर्डिंग एक्शन लिया जाएगा. 

राज्यपाल की मंजूरी के बाद हुआ लागू
यह विधेयक शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा में बहुमत से पारित हुआ था. जिसे राज्यपाल की मंजूरी के बाद सरकार ने राज्य में लागू कर दिया है. बता दें कि निजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर बसूली तो होगी ही साथ में आरोपी की संपत्ति कुर्क करने का भी प्रावधान है. इस पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जो दंगे के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं घरों से पत्थर फेंकते हैं अब ऐसे लोगों के घरों से पत्थर निकाले जाएंगे इस कानून से दंगे करने वाले आरोपियों के मन में भय रहेगा. 

इस तरह से की जाएगी कार्यवाही
नए कानून में ट्रिब्यूनल गठन किया गया है. धरना प्रदर्शन और दंगों में सरकारी संपत्ति को नुकसान होने पर कलेक्टर और निजी संपत्ति को नुकसान होने पर संपत्ति मालिक ट्रिब्यूनल में जानकारी देंगे. बता दें कि इसका अधिकार क्षेत्र प्रदेश के सभी जिलों तक रहेगा। इसमें रिटायर्ड जज को कमिश्नर बनाया जा सकता है. आईजी व सचिव रैंक के रिटायर्ड अफसर मेंबर होंगे. ट्रिब्यूनल में जिला स्तर पर क्लेम कमिश्नर होगा जिसका काम एडिशनल या डिप्टी कलेक्टर को सौंपा जाएगा. इसके आधार पर घटना में दोषियों के खिलाफ ट्रिब्यूनल कार्रवाई करेगा. फिर उनसे वसूली कर सरकारी कोष या निजी व्यक्ति के खातों में राशि जमा कराएगी. बता दे कि अपील केवल हाई कोर्ट में ही होने का प्रावधान है. शिकायत के बाद क्लेम कमिश्नर मौके पर जाकर फोटोग्राफ व नुकसान की रिपोर्ट ट्रिब्यूनल को देगा. इसी आधार पर ट्रिब्यूनल इसका फैसला करेंगे.

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