लखीमपुर खीरी: आंदोलनरत किसानों ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, कहा हिंसा के लिए उकसाने वाले मुख्यमंत्री खट्टर को पद से किया जाए बर्खास्त
- संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर की मांग
- हिंसा के लिए उकसाने वालों को पद से किया जाए बर्खास्त
- शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों से हिंसापूर्ण व्यव्हार अपराध है
उत्तर प्रदेश:- लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में 8 किसानों कि और एक पत्रकार की मौत हो गई. किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी जिससे उनकी मौत हुई. हालांकि मिश्रा का कहना है कि घटना के वक्त उनके बेटे वहां मौजूद नहीं थे. किसान मौर्य के बनबीरपुर दौरे का विरोध कर रहे थे जो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और खीरी से सांसद अजय कुमार मिश्रा का पैतृक गांव है. एक तरफ जहां राजनीतिक दलों के नेता एवं आंदोलनरत किसान इससे नाराज़ हैं और लखीमपुर खीरी जाने पर अड़े हैं, तो वहीं दूसरी तरफ देशभर में आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने इस मामले में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की है. मोर्चा ने सोमवार को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर चार प्रमुख मांगे रखी हैं, जिसमें सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक एसआईटी द्वारा इस प्रकरण की जांच कराया जाना भी शामिल है.
किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति से की मांग
राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र में संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से आरोप लगाते हुए कहा गया है कि लखीमपुर खीरी में किसानों को रौंदकर दिनदहाड़े उनकी बर्बर हत्या करने की घटना से पूरा देश में हाहाकार मचा हुआ है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र के बेटे और उसके साथियों ने जिस बेखौफ तरीके से यह हमला किया वह उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार की साजिश दिखाता है. साथ की कहा कि जय मिश्रा पहले ही किसानों के खिलाफ भड़काऊ और अपमानजनक भाषण देकर इस हमले की भूमिका बना चुके थे. यह संयोग नहीं कि उसी दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सार्वजनिक तौर पर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को किसानों के खिलाफ लट्ठ उठाने और हिंसा करने के लिए उकसा रहे हैं’.
हिंसा के लिए उकसाने वालों को किया जाए बर्खास्त
अपनी अगली मांगो को लेकर कहा कि इस घटना से यह मालूम पड़ता है कि राजनीतिक पदों पर बैठ कर फायदा उठाया जाता है. यह अपने पद का उपयोग शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे अन्नदाता के विरुद्ध सुनियोजित हिंसा के लिए कर रहे हैं. यह कानून, संविधान और देश के प्रति अपराध है, इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा के फैसले के मुताबिक आपसे मांग करते हैं कि केंद्रीय राज्य गृह मंत्री अजय मिश्र टेनी को तुरंत पद से बर्खास्त किया जाए और उनके विरुद्ध हिंसा के लिए उकसाने के दोषी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को उनके पद से बर्खास्त किया जाए और सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का मुकदमा दायर किया जाए.