नई दिल्ली : बुधवार को किसान आंदोलन का 42वां दिन हैं। किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। किसानों और सरकार के बीच 4 जनवरी की मीटिंग बेनतीजा रही और अगली तारीख 8 जनवरी तय हुई। अगली मीटिंग में कृषि कानूनों को वापस लेने और MSP पर अलग कानून बनाने की मांग पर बात होगी। यह 9वें दौर की बैठक होगी। इससे पहले सिर्फ 7वें दौर की मीटिंग में किसानों की 2 मांगों पर सहमति बन पाई थी, बाकी सभी बैठकें बेनतीजा रहीं।
वहीं, कृषि कानून रद्द करने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 11 जनवरी तक टल गई। हालांकि, कोर्ट ने ये जरूर कहा कि किसानों की हालत समझते हैं।
खबरों की मानें तो आंदोलन लंबा खिंचता देख किसानों ने टिकरी बॉर्डर पर ईंट-गारे से पक्के ठिकाने बनाने शुरू कर दिए हैं। पिछले दिनों हुई बारिश के चलते उनके टेंट गिर गए थे। आंदोलन कर रहे किसान सड़क के बीच में ही पक्के ऑफिस भी बना रहे हैं। अब वे मवेशियों को भी यहीं लाने की तैयारी कर रहे हैं।
इसके अलावा किसानों ने खराब मौसम की वजह से 6 जनवरी की बजाय 7 जनवरी को दिल्ली के चारों तरफ ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया हैं। उन्होंने कहा यह मार्च 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड का ट्रायल होगा।
सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने कहा कि अगर सरकार ने कृषि कानून वापस नहीं लिए तो वे दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड करेंगे। परेड का नेतृत्व पंजाब और हरियाणा की महिलाएं करेंगी। वे किस तरह रैली को अंजाम देंगी, ये भी सोच लिया है। हरियाणा की करीब 250 महिलाएं ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं।