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किसान आंदोलन : किसान नेता राकेश टिकैत को मिली जान से मारने की धमकी, तो दूसरी ओर ट्विटर पर टिकैत के गिरफ्तारी की मांग, सियासी हलचल तेज

किसान आंदोलन : किसान नेता राकेश टिकैत को मिली जान से मारने की धमकी, तो दूसरी ओर ट्विटर पर टिकैत के गिरफ्तारी की मांग, सियासी हलचल तेज

नईदिल्ली/राजकमल पांडे। भारतीय किसान यूनियन केें सहायक राष्ट्रीय प्रवक्ता अर्जुन वालिया के थाना कौशांबी में एक शिकायत देकर बताया किए अज्ञात व्यक्ति ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को फोन पर जान से मारने की धमकी दी है. उसके बाद से वह फोन बंद आ रहा है राकेश टिकैट ने कहा कि इसकी शिकायत थाना कौशांबी में दे दी गई है. वहीं दूसरी ओर टिकैत की गिरफ्तारी की मांग उठने लगी है कि टिकैत पर हरियाणा जिला ब्राम्हाण सभा ने यह आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय अखण्डता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने, सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने, ब्राम्हण जाति को धमकी देने व भीड को भड़काने, उकसाने का काम रहे हैं. 24 दिसंबर को किसान सभा के आयोजन के दौरान टिकैत ने ब्राम्हण समाज के खिलाफ अभद्र व अमर्यादित भाषाओ का प्रयोग करते हुए राष्टीय अखण्डता पर प्रतिकूल प्रभाव डाला ऐसा राकेश टिकैत पर आरोप लग रहे हैं, जिसके बाद सत्यापित खाते से लेकर साधारण ट्विटर यूजर्स ने टिकैत की गिरफ्तारी की मांग की है. आपको बता दें कि राकेश टिकैत तीन नए कृषि बिल के विरोध में किसानों के समर्थन में दिल्ली में अनशन पर बैठे हैं. इसी बीच सोशल मीडिया में उनकी एक वीडियों वायरल हुई है जिस पर टिकैत ने मंदिर, पुजारी और ब्राम्हणों को लेकर कुछ टिप्पणी की है. अब उक्त वीडियों में कितनी सत्यता है इसकी पुष्टि किया जाना संभव नहीं और ना ही हम उक्त वीडियों को टिकैत की गिरफ्तारी के लिए पुख्ता मानते हैं. गौरतलब है कि जब से सरकार के तीन नए कृषि बिल के विरोध में किसानों का आंदोलन शुरू हुआ उस वक्त से ही केन्द्र से लेकर राज्यों तक के मंत्री, मनिस्टर किसानों खालिस्तानी, चीनी व देशद्रोही जैसे शब्दों से नवाजा है. और हर संभव प्रयास में है कि किसान आंदोलन की किसी कदर समाप्त किया जाए. अपितु किसान सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा कर तीनों नए कृषि बिल को रद्द किए जाने में अडे हुए हैं.

मन की बात में भी पीएम का विरोध

नए कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान 32 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर जमे हुए हैं। किसानों ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का विरोध थाली बजाकर किया। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने न्यूज एजेंसी को बताया कि जैसे PM ने कहा था कि कोरोना थाली बजाने से भागेगा, उसी तरह किसान भी थाली बजा रहें हैं ताकि कृषि कानूनों को भगाया जाए।

उन्होंने कहा कि यह सरकार के लिए संकेत है कि सरकार जल्द सुधर जाए। 29 दिसंबर को हम सरकार के साथ मुलाकात करेंगे। नया साल सबके लिए शुभ हो और अगर मोदी जी भी कानून वापस ले लें, तो हम किसान भाइयों के लिए भी नया साल शुभ हो जाएगा।

वहीं, क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि पंजाब और हरियाणा में टोल स्थायी तौर पर खुले रहेंगे। 30 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर से ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। हम दिल्ली समेत पूरे देश के लोगों से अपील करते हैं कि यहां आकर हमारे साथ नया साल मनाएं।

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