"द लोकनीति" की खबर का असर :- एसडीएम के आदेश पर राजस्व विभाग की टीम ने किया दोबारा सीमांकन

“द लोकनीति” की खबर का असर :- एसडीएम के आदेश पर राजस्व विभाग की टीम ने किया दोबारा सीमांकन
राजस्व दल ने माना, शासकीय भूमि पर हुआ है अतिक्रमण
सिवनी से महेंद्र सिंघ नायक की रिपोर्ट: जिले की धनौरा तहसील अन्तर्गत हिंगवानी गांव में हुए त्रुटिपूर्ण सीमांकन और शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे मामले में समाचार प्रकाशन से हरकत में आये राजस्व विभाग के दल ने मौके पर पहुंचकर पुनर्मापन, सीमांकन किया। नवीन मापन में संतोष पिता भुवन लोधी के निज भूमि में शासकीय भूमि का बड़ा हिस्सा अवैध कब्जे में पाया गया।
क्या था पूरा मामला
हिंगवानी गाँव निवासी किसान सन्तोष पिता भुवन लोधी ने अपनी निज भूमि खसरा क्रमांक 350 रकबा 0.42 हेक्टेयर के सीमांकन हेतु तहसील धनौरा में आवेदन किया था। इस प्रकरण में दिनांक 07/12/2020 को राजस्व विभाग दल में हल्का पटवारी वैशाली यादव, राजस्व निरीक्षक सुखमन कुलेश सहित अन्य विभागीय सदस्यों ने स्थान पर जाकर मापन, सीमांकन किया था। इसके आधार पर सम्बंधित किसान संतोष पिता भुवन लोधी द्वारा चिन्हित भूमि पर जेसीबी मशीन चलाकर सीमा बना ली गई थी। नवीन सीमा बनने और खुदाई से किसान की निजी भूमि के दोनों ओर की सार्वजनिक भूमि विलोपित हो गई थी, साथ ही सीमावर्ती किसान सुरेश डेहरिया एवं नरेश डेहरिया के आवागमन का मार्ग भी बन्द हो गया था। इस पर तीव्र प्रतिक्रिया देते हुए सुरेश डेहरिया एवं नरेश डेहरिया द्वारा तहसीलदार धनौरा को लिखित शिकायती आपत्ति दर्ज कराई गई थी। आपत्तिकर्ता नरेश डेहरिया द्वारा “द लोकनीति” के माध्यम से सीमांकन को गलत बताते हुए हल्का पटवारी सहित सीमांकन कर्ताओं पर आरोप लगाया था। नरेश ने सीमांकन में धांधली का आरोप लगाया था कि हल्का पटवारी द्वारा गलत मापन कर शासकीय भूमि पर जानबूझकर किसान को कब्जा करने का अवसर दिया गया है। इसके साथ किसान की भूमि में शासकीय भूमि दबे होने का कहते हुए प्रशासन से दोबारा उचित मापन सीमांकन एवं आवागमन हेतु मार्ग दिये जाने की मांग की थी।
इस प्रकरण में हल्का पटवारी वैशाली यादव ने स्पष्ट किया था कि सीमांकन राजस्व निरीक्षक व सम्पूर्ण दल के द्वारा किया जाता है। उनकी भूमिका केवल रिकॉर्ड उपलब्ध कराने की रहती है।
द लोकनीति ने प्रमुखता से उठाया था मामला
द लोकनीति ने इस पूरे मामले को प्रमुखता से प्रकाशित करते हुए राजस्व विभाग धनौरा तहसील एवं घंसौर अनुविभागीय अधिकारी श्री अक्षत जैन के समक्ष रखा था। जिस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जांच आदेश जारी किए गए थे। उक्त आदेश के परिपालन में दिनांक 26 दिसम्बर 2020 को राजस्व निरीक्षक सुखमन कुलेश के सहित हल्का पटवारी वैशाली यादव व तहसील के पटवारी गणों ने मौके पर पहुंचकर पुनर्मापन व सीमांकन किया।
किसान के कब्जे से निकली शासकीय चरनोई भूमि
पुनर्मापन व नवीन सीमांकन से स्पष्ट हुआ कि किसान सन्तोष पिता भुवन लोधी ने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर जेसीबी चलवाकर अवैध कब्जा किया है। सन्तोष द्वारा शासकीय खसरा क्रमांक 351 की 0.22 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। इसके अलावा सीमावर्ती अन्य किसानों द्वारा भी उक्त खसरे की शासकीय भूमि पर कब्जा किया गया है।
आपत्तिकर्ता को मिला आवागमन हेतु मार्ग
इस पूरे मामले में आपत्तिकर्ता नरेश डेहरिया व उनके परिवार को अपने खेत तक आने जाने के लिए सन्तोष की भूमि के ऊपर की ओर से शासकीय भूमि पर उचित मार्ग मिल गया है।
प्रशासन की ओर से कार्यवाही का है इन्तज़ार
इसी के साथ इस भूमि विवाद प्रकरण में आशानुकूल निराकरण हो गया है। पर अब बड़ा प्रश्न प्रशासन से है कि खसरा क्रमांक 351 की शासकीय चरनोई भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाकर उक्त भूमि सार्वजनिक प्रयोजन हेतु दी जाएगी या सम्बंधित किसानों के पास ही यथावत रहेगी।
इनका कहना है:-
सुखमन कुलेश (राजस्व निरीक्षक, धनौरा)
“ये भूमि शासकीय खसरे में है जिसका रकबा 1.38 हेक्टेयर है। इस पर आसपास के सभी किसानों ने अतिक्रमण किया है। सन्तोष द्वारा जरीब की 70 कड़ी अतिक्रमण किया गया है। इस पर हमारे हल्का पटवारी ने अतिक्रमण प्रतिवेदन जमा कर दिया है। आज की तरह पिछले सीमांकन में हमारा पूरा दल था। हम सीमांकन कर देते हैं, किसान ने अपनी मनमानी से खुदाई वगैरह की है। शासन के नियमानुसार कार्यवाही होगी।”