भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानून को लेकर किसान सड़को पर उतर आए है, और इस कानून का जमकर विरोध कर रहे हैं। साथ ही इन कानूनों को वापस लेने की मांग पर आड़े हुए हैं। बता दे कि किसानों के इस विरोध की आंच मध्यप्रदेश तक पहुंच चुकी हैं।
इधर, कृषि कानून को लेकर बीजेपी लगातार किसानों के बीच जा रही हैं। आंदोलन का असर भले ही हरियाणा और पंजाब में ज़्यादा हो लेकिन मध्यप्रदेश में कृषि बिल के समर्थन में माहौल बनाने की कोशिश की जा रही हैं। वहीं, कांग्रेस लगातार इन बिलों के खिलाफ बोल रही हैं। साथ ही बीजेपी पर जमकर निशाना भी साध रहीं हैं।
लेकिन इन सबके बीच कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह ने पार्टी लाइन से हटकर बयान दिया हैं।
लक्ष्मण सिंह के मुताबिक फ्रूट प्रोसेसिंग, वेजिटेबल प्रोसेसिंग और स्टोरेज में प्राइवेट प्लेयर के आने पर कोई प्रतिबंध नहीं हो। खुद कांग्रेस ने भी फ्रूट और वेजिटेबल के प्रोसेसिंग के लिए प्राइवेट सेक्टर को आमंत्रित किया था। हालांकि उन्होंने कहा मोटे अनाज का उत्पादन करने वाले किसानों के लिए बिल के प्रावधान ठीक नहीं हैं। सरकार को एमएसपी बढ़ाने और खरीद समय पर हो इसका ध्यान रखना चाहिए। एफसीआई की जगह निजी क्षेत्र को लाने की वकालत लक्ष्मण सिंह ने की हैं। लक्ष्मण सिंह ने कहा कांग्रेस पार्टी का स्टैंड पूरी तरह बिल खारिज करने पर नहीं होना चाहिए बल्कि उसमें सुधार के लिए कहा जाना चाहिए।
बता दे कि ये पहला मौका नहीं है जब लक्ष्मण सिंह ने पार्टी लाइन से हटकर बयान दिया हो, इस से पहले भी कई बार वो पार्टी लाइन से हटकर बयान दे चुके हैं।