Barwani : लोग एक दुसरे कि मदद कर रहे हैं, पर इनकी मदद के लिए सिर्फ नन्हे बच्चे आगे आए

बड़वानी 

कोरोना से आई विपदा का परिणाम चारों ओर दिखाई दे रहा है वही सामाजिक परिवेश में रहने वाले स्ट्रीट डॉग भी इससे अछूते नहीं है। विभिन्न घरों पर आश्रित यह मोहल्ला स्वान जहां पहले सहजता से घर –  घर जाकर अपनी भूख मिटा लेते थे। वही अब लॉक डाउन के चलते घरों के दरवाजे भी ज्यादातर बंद ही रहते हैं, जिसके कारण घर के लोगों की निगाह भी इन श्वानों को नहीं देख पा रही है।  फलस्वरूप यह स्वान दर-दर भटक कर भूखे,  प्यासे ही इधर – उधर घूम रहे हैं। कई स्थानों पर तो इन्हें घास और कागज के साथ-साथ गोबर भी खाते देखा गया है। 

ऐसे में आशादीप सोशल किड्स फोर्स के नन्हे पशु और पर्यावरण प्रेमी बच्चे इन विपरीत परिस्थितियों में भी स्ट्रीट डॉग्स का ध्यान रख रहे हैं। यह बच्चे न केवल इन श्वानों का बीमारी के समय उपचार करवाते हैं बल्कि इनके भोजन व पानी की भी व्यवस्था कर रहे है। किड्स फोर्स संयोजक कुमारी शांभवी दुबे ने बताया की स्ट्रीट डॉग अपने गली, मोहल्लों एवं रहवासियों के प्रति ईमानदार होते हैं तथा थोड़ी सी देखभाल में ही इनकी सेहत भी दुरुस्त हो जाती है ।  हमारा किड्स फोर्स विगत 7 वर्षों से पक्षियों के साथ-साथ स्ट्रीट डॉग की देखभाल भी कर रहा है, जिनमें श्वानों को होने वाली खुजली तथा बाल झड़ जाने की समस्या का भी उपचार करवाया जाता है। 

किड्स फोस के बच्चो ने आमजन से भी अपील की है कि वे इस विपदा के समय अपने स्ट्रीट डॉग्स का ध्यान रखें तथा उन्हें पानी – भोजन दे, जिससे उनके जीवन पर आया यह संकट दूर हो सके।

हेमंत नाग्झिरिया की रिपोर्ट 

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