शराब पर सियासत:- मप्र में लोगों को राशन चाहे न मिले पर शराब जरूर मिलेगी
शराब पर सियासत:- मप्र में लोगों को राशन चाहे न मिले पर शराब जरूर मिलेगी
भोपाल/गरिमा श्रीवास्तव :- मप्र की शिवराज सरकार ने अब शराब की दुकानों को बढ़ाने का ऐलान किया है. जिस पर अब राजनैतिक गलियारों में सियासत शुरू हो गई है.
kamalnath ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार शराब प्रेमी सरकार है और शराब की दुकानें व शराब के व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नित नए निर्णय लेने का काम करती रहती है। यदि प्रदेश में शराब की दुकाने बढ़ायी गयी तो कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी , हम सदन से लेकर सड़क तक इस जनविरोधी निर्णय का खुलकर विरोध करेंगे.मैं तो शुरू से ही कहता आया हूं कि मध्यप्रदेश में भले लोगों को राशन नहीं मिले लेकिन सरकार शराब जरूर उपलब्ध करा रही है। कोरोना महामारी में भी भले धार्मिक स्थल ,आयोजन ,वैवाहिक कार्यक्रम बंद रहे ,कर्फ्यू लगा रहा लेकिन शराब की दुकाने देर रात तक चालू रही।
कितना शर्मनाक है कि जो भाजपा चुनाव के पूर्व शराबबंदी की बात करती थी वो आज मध्य प्रदेश को शराब के दलदल में झोंकने की तैयारी कर रही हैं। अब जहरीली शराब के नाम पर शराब दुकानो को बढ़ाने की तैयारी की जा रही .
ता नहीं कब नींद से जागेगी सरकार और बहन-बेटियों को सुरक्षा प्रदान करने को लेकर कड़े कदम उठायेगी ? ज़हरीली शराब की तरह ही बहन-बेटियों से दरिंदगी की घटनाओं पर ज़िम्मेदार अधिकारियों की ज़िम्मेदारी तय हो।
प्रदेश की शिवराज सरकार शराब प्रेमी सरकार है और शराब की दुकानें व शराब के व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नित नए निर्णय लेने का काम करती रहती है। — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 20, 2021 “>http:// प्रदेश की शिवराज सरकार शराब प्रेमी सरकार है और शराब की दुकानें व शराब के व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नित नए निर्णय लेने का काम करती रहती है। — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 20, 2021
यदि प्रदेश में शराब की दुकाने बढ़ायी गयी तो कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी , हम सदन से लेकर सड़क तक इस जनविरोधी निर्णय का खुलकर विरोध करेंगे।
यदि प्रदेश में शराब की दुकाने बढ़ायी गयी तो कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी , हम सदन से लेकर सड़क तक इस जनविरोधी निर्णय का खुलकर विरोध करेंगे।
आबकारी अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष दुकानें बढ़ाने के लिए यह तर्क दिया गया कि राजस्थान में एक लाख की आबादी पर 17, महाराष्ट्र में 21 और उत्तर प्रदेश में 12 दुकानें हैं, जबकि मध्यप्रदेश में यह संख्या सिर्फ चार है।
शिवराज ने कहा कि अवैध शराब की बिक्री और परिवहन से जुड़े लोगों पर सख्त कार्रवाई करें। अब यदि किसी भी जिले में ऐसा हुआ तो कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर, एसपी के साथ आबकारी अधिकारी की जवाबदारी होगी।
कॅरियर तबाह कर दूंगा। बैठक से पहले गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वे खुद ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की दुकानें बढ़ाने के बारे में बात करेंगे।