स्पेशल ट्रेनों में मजदूरों से किराया वसूली को कमलनाथ ने बताया शर्मनाक , सरकार से की ये मांग

देश में  कोरोना(corona ) संक्रमण के बीच केंद्र सरकार   (Cantral  government ) की जारी गाइडलाइन   के बाद  प्रवासी मजदूरों व  छात्रों को अन्य राज्यों से उनके मूल राज्य वापस लाया जा रहा है। इसी बीच महाराष्ट्र के नासिक(nasik) से प्रवासी मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन मध्यप्रदेश (Madhya pradesh ) के मिसरोद पहुंची थी। लगभग  400 मजदूर नासिक से मध्य प्रदेश पहुंचे थे। इसके बाद  खुलासा हुआ कि स्पेशल ट्रेनों में मजदूरों से किराया वसूला जा रहा है। इसके बाद फिर से एक बार प्रदेश में सियासत गरमा गई है। स्पेशल ट्रेनों में मजदूरों से किराया वसूले जाने को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने सामने है।

 

स्पेशल ट्रेनों में मजदूरों से किराया वसूले जाने के बाद  पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि नासिक से भोपाल आई विशेष ट्रेन में यात्रियों से किराया वसूला जाना बेहद ही शर्मनाक बात है। कमलनाथ ने ट्वीट(tweet) कर कहा कि कोरोना महामारी और लॉक डाउन के कारण से पहले ही मजदूरों का रोजगार छिन गया है। अब उनके पास खाने के लिए कुछ हे य नहीं है और न रहने के लिए छत है। ऐसी स्थिति में घर वापसी पर उनसे किराया वसूला जाना बेहद शर्मनाक है। पूर्व मुख्यमंत्री नाथ ने ट्वीट कर कहा है सरकार को इस मामले में संज्ञान ले तुरंत किराया वसूली को रोक देना चाहिए। 

 

 राज्य सरकार की मांग के बाद सभी राज्य में फंसे हुए प्रवासी मजदूर एवं छात्रों को लाने के लिए केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी करते हुए छह अलग-अलग ट्रेनें चलाई है। जहां सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक प्रवासी मजदूरों से किसी भी प्रकार का किराया नहीं वसूला जाना था। पर इन स्पेशल ट्रेनों में सफर करने के लिए प्रवासी मजदूरों को टिकटों की कीमत अदा करनी पड़ रही है। 10 महाराष्ट्र के नासिक से भोपाल पहुंचने वाले प्रवासी मजदूरों से 315 रुपए हर यात्री वसूले गए हैं। पर ट्रेन में यात्रियों को खाना परोसा गया है।  केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक कहा गया था कि प्रवासी मजदूरों को यह स्पेशल ट्रेनें बिना किसी किराया वसूली के उनके शहर तक छोड़ेगी। इससे पहले स्पेशल ट्रेनों में बैठने से पूर्व यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है। । साथ ही यात्रियों को रास्ते भर के लिए भोजन एवं पानी की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई गई थी। वहीं माना जा रहा है की इं सुविधाओं की रकम भी टिकटों के चार्ज के साथ जोड़ दी गई है। जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि प्रदेश के वापस घर आ रहे मज़दूर भाइयों के किराये की राशि का खर्च सरकार ख़ुद वहन करे।

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