अतिथि विद्वान् पार्ट-2 की तैयारी में कमलनाथ सरकार, पढ़िए ये विशेष रिपोर्ट

 

Bhopal से गौतम और सोनू की विशेष रिपोर्ट
भोपाल के यादगार-ए-शाहजहानी पार्क में 2700 अतिथि विद्वान् लगातार 74 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। जहां अतिथि शिक्षक और अतिथि विद्वान अपने नियमितीकरण के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं वही एक तरफ मध्य प्रदेश की सरकार अतिथि शिक्षकों और अतिथि अतिथि विद्वान को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही हो। ऊपर से  आज मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूलों में उच्च माध्यमिक शिक्षा भर्ती के लिए प्रोविजनल चयन सूची जारी कर दी गई है, जिसमे लगभग 16 विषयों के लिए 15 हज़ार शिक्षकों की भर्ती की जानी है। जिसमें 3762 पद अतिथि शिक्षक के लिए रिजर्व है। एक तरफ सरकार के पास अतिथि विद्वानों और शिक्षकों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं है दूसरी तरफ ये और अतिथि शिक्षक भर्ती करने जा रहे हैं। ऐसे में क्या सरकार साफ़-साफ़ यह नहीं दर्शाना चाह रही की अतिथि विद्वानों से उनका कोई भी लेना-देना नहीं है। और अगर है तो इसे कब दर्शाया जाएगा। बहरहाल तो यह जान लीजिये की अतिथि शिक्षकों के भर्ती के प्रक्रिया क्या है।

 अतिथि शिक्षक बनने के लिए जरूरी पात्रता
 अभ्यर्थी को 50 फ़ीसदी अंकों के साथ स्नाकोत्तर होना पड़ेगा। साथ ही उसका  BA पास होना भी जरूरी है। इसके लिए शिक्षक नियोजन होने तक अधिकतम 25000 के प्राथमिक में वेतनमान दी जाएगी, अगर मौजूदा हालात देखें तो अतिथि शिक्षक 74 दिनों से नियमितीकरण के लिए धरना पर बैठे हैं

विषयवार वैकेंसी
1401 वैकंसी हिंदी में, इंग्लिश 2827, संस्कृत1823, उर्दू 70 मैथ्स 1800, बायोलॉजी 1699, फिजिक्स 1001, केमिस्ट्री 700, हिस्ट्री 800, पॉलिटिकल साइंस 900, जियोग्राफी 400, इकोनॉमिक्स 550, sociology 160, कॉमर्स 674, एग्रीकल्चर 176 और होम साइंस 29
 
कैसे करा पाएंगे रजिस्ट्रेशन
काउंसलिंग पोर्टल पर साइन अप करने के लिए उम्मीदवार को रोल नंबर, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी की जरूरत होगी। मोबाइल नंबर और ई-मेल पर ओटीपी आएगा इतना करने के बाद अभ्यार्थी अपने जिले का चयन भी कर सकेंगे। अगर उम्मीदवार अतिथि विद्वान अथवा शिक्षक है तो उन्हें सिर्फ वही जिले दिखाई देंगे जहां पर उम्मीदवार ने अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य किया हो।

दस्तावेज अपलोड
दस्तावेजों के सत्यापन के लिए उम्मीदवारों को मैन्यू में डॉक्यूमेंट अपलोड पर क्लिक करना होगा दस्तावेज अपलोड करने के बाद चॉइस फिलिंग करनी होगी मौजूदा सरकार से सिर्फ एक सवाल है साहब 27 सौ से अधिक अतिथि विद्वान और सैकड़ों की संख्या में अतिथि शिक्षक लगातार 73 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं मगर सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है ऐसे में अतिरिक्त 3760 अतिथि शिक्षकों के साथ क्या होगा।

सरकार की इस बात पर तो तारीफ होगी की नए नौकरियों का सृजन हो रहा है। पर दादा सैलरी भी तो देनी पड़ती है उसका क्या ? जिन्हें आपने रखा है उन्हें तो तनख्वाह दे नहीं पा रहे हैं 8 महीनो से। तो इन्हें कहाँ से देंगे। कहीं ऐसा न हो की इन पदों पर भर्ती ही न हो क्योंकि यह कोपी बड़ी बात नहीं खासकर आउटसोर्स कर्मचारियों के मामलों में ? प्रदेश सरकार भले ही इस बात पर अपनी पीठ थपथपा ले कि नई नौकरियां आएँगी, लेकिन पहले उन्हें इस बात पर शर्म आनी चाहिए कि जिस अतिथि विद्वान और नियमितीकरण के वादों पर यह सरकार इस प्रदेश में आई थी और जीतू पटवारी मंत्री बने थे उन्ही वादों को कांग्रेस दरकिनार कर चुकी है। उनकी बहने अपना मुंडन करवा रही हैं, लोग भूख-प्यास से त्रस्त होकर लगातार आन्दोलन कर रही हैं और इस बेशर्म सरकार को कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा है। अतिथि विद्वान आत्महत्या कर रहे हैं उनके घरवालों के भरण-पोषण की ज़िम्मेदारी किसकी है। इन सवालों का जवाब दे पहले सरकार फिर हम भी उनकी पीठ थपथपाएंगे।

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