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जबलपुर:- आखिर नकली Remdesivir कालाबाजारी मामले पर सरबजीत सिंह मोखा के खिलाफ क्यों नहीं लगाई गई रासुका? कांग्रेस प्रवक्ता अमन दुबे ने उठाया सवाल

जबलपुर:- आखिर नकली Remdesivir मामले पर सरबजीत सिंह मोखा के खिलाफ क्यों नहीं लगाई गई रासुका, कांग्रेस प्रवक्ता अमन दुबे ने उठाया सवाल

 

जबलपुर/गरिमा श्रीवास्तव:- मध्यप्रदेश के जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद के नेता सरबजीत सिंह मोखा ने नकली Remdesivir की कालाबाज़ारी की. पूर्व में ही मध्य प्रदेश की सरकार ने कहा था कि इंजेक्शन दवाओं और ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वाले के खिलाफ रासुका लगाया जाएगा पर सरबजीत सिंह के खिलाफ अभी तक रासुका नहीं लगाई गई. इस मामले ने राजनैतिक गलियारे में हलचल मचा दी है. पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता अब इस मामले पर सरकार को घेर रहे हैं.

 इंडियन यूथ कांग्रेस के प्रवक्ता अमन दुबे ने ट्वीट के माध्यम से सरबजीत सिंह मोखा पर रासुका लगाने की मांग की है ट्वीट में उन्होंने कहा कि जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई के मामले में विश्व हिंदू परिषद के नेता सरबजीत सिंह मोखा पर केस दर्ज..

— इन पर रासुका की कार्यवाही की जानी चाहिए थी जो कि नहीं की गयी! क्यों ?

सीएम बोल चुके है के दवाइयों, इंजेक्शनों और ऑक्सिजन की दलाली पर रासुका लगेगी तो क्यों नही लगी?

https://twitter.com/AmanDubey_/status/1391775175503323138?s=19

 पूरा मामला:-

जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा, देवेश चौरसिया और सपन जैन पर विभिन्न धाराओं में केस दर्ज हुआ। मोखा विहिप के नेता भी हैं.

मोखा पर आरोप है कि इसने 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन कोविड मरीजों को लगा दिए. इन मरीजों में से कई की मौत होने की आशंका जताई जा रही है. पुलिस की टीमें सरबजीत की तलाश कर रही हैं.

गौरतलब है कि विगत दिनों गुजरात पुलिस ने नकली रेमडेसीवीर मामले में सपन जैन को गिरफ्तार किया था. उसने पूछताछ में सरबजीत सिंह मोखा का नाम लिया. इसके बाद पुलिस ने 48 घंटे के अंदर नकली इंजेक्शन की चैन का भंडाफोड़ कर दिया. जांच में सामने आया कि सरबजीत ने 500 नकली इंजेक्शन इंदौर से बुलवाए थे. इन इंजेक्शन को उसके अस्पताल में भर्ती मरीजों को लगवा दिया गया और उनकी जान से बड़ा खिलवाड़ किया गया.

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 कैसे हुआ मामले का खुलासा :-

 इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने गुजरात में एक फॉर्महाउस पर रेड मारा था जहां से धीरे-धीरे कई लोगों के नाम सामने आते गए.

जांच में पता चला था कि करीब एक लाख फर्जी रेमडेसिविर इंजेक्शन देशभर के अलग-अलग राज्यों में बेचे गए हैं. इसी कड़ी में गुजरात पुलिस 7 मई को जबलपुर आई और आधारताल निवासी दवा व्यवसायी सपन जैन को गिरफ्तार कर ले गई. इसके बाद जबलपुर पुलिस भी हरकत में आई थी और लगातार दो दिनों से ताबड़तोड़ छापे मारे. सपन जैन की तीन दवा दुकानों को पहले ही सील कर दिया गया था, जबकि पूछताछ में दो बड़े अस्पतालों के नाम भी सामने आए थे. इसी जांच में सिटी अस्पताल के संचालक का नाम उजागर हो गया.

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