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सवालों के घेरे में जबलपुर पुलिस,अपहरण करने वाले तीन आरोपियों में से एक की पुलिस कस्टडी में मौत !!

सवालों के घेरे में जबलपुर पुलिस,अपहरण करने वाले तीन आरोपियों में से एक की पुलिस कस्टडी में मौत !!
–  नेपाल बॉर्डर से आरोपी पकड़ लेती है पुलिस पर 40 किलोमीटर के अंदर घूम रहे अपहरणकर्ताओं को पकड़ने में यह देरी क्यों हुई
जबलपुर से तरुण मिश्र की रिपोर्ट
 दो करोड़ की फिरौती की लालच में 13 वर्षीय आदित्य लांबा का अपहरण कर हत्या करने वाले तीन आरोपियों को जबलपुर पुलिस पकड़ कर उनका जुलूस निकालने और प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रक्रिया को पूरा कर सुकून की सांस ले रही थी कि तीनों में से एक आरोपी की मौत ने एक बार फिर पुलिस के आला अधिकारियों के माथे पर पसीना ला दिया। जानकारों की माने तो मोनू विश्कर्मा राहुल निवासी महाराजपुर अधारताल जिसके ऊपर दो लूट दो नकबजनी और एक चोरी कम अपराध दर्ज है उस की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाती है।
 बताया जा रहा है कि आरोपी की हालत काफी खराब चल रही थी, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मेडिकल अस्पताल में मौत हो गई। अब बड़ा सवाल यह है कि पुलिस ने आरोपियों को प्रेस कांफ्रेंस करने के पहले और सभी के सामने लाने से पहले मुलाहजा जरूर कराया होगा, जब आरोपी स्वस्थ था तभी उसे प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश किया गया होगा। उसके बाद चंद घंटों में पुलिस कस्टडी के अंदर एक आरोपी की मौत हो जाना अपने आप में बड़ी लापरवाही मानी जा रही है।
इस पूरी घटना में पुलिस के आला अधिकारियों पर यह भी सवाल उठते हैं कि ऑटो चालक को मारने वाले एक आरोपी को पुलिस नेपाल बॉर्डर से पकड़ लाती है, लेकिन एक मासूम का अपहरण करने वाले जबलपुर सीमा से 40 किलोमीटर के अंदर 2 दिन तक घूमते हैं, ढाबे में खाना खाते हैं उसके बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लगते और जब हाथ लगते हैं तब तक भी मासूम को मौत के घाट उतार चुके होते हैं। बड़ा सवाल यह भी है कि पुलिस के गुप्त सूत्र और विशेष मुखबिर इस समय कहां थे जब पुलिस को इतने बड़े अपहरण के मामले को सुलझा ने में सभी तरह की सतर्कता बरतनी थी।

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