चेन्नई :धर्मांतरण का एक बड़ा मामला तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले से आ रही है,जहां जिले के लगभग 400 दलितों ने इस्लाम धर्म को कबूल कर लिया है। तमिल पुलीगल काची नाम के एक दलित संगठन ने यह दावा किया है कि मार्च 5 जनवरी के के बाद क्षेत्र के 40 परिवारों ने धर्मांतरण किया है और यह प्रक्रिया लगातार जारी है। इतनी बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन के पीछे दीवार ढहने की बात कहीं जा रही है मालूम हो की इस दीवार के ढहने से लगभग 17 लोगों की जान चली गई थी। गिरने वाली दीवार को जाती की दीवार भी कहा जाता था। जो कि दलित समुदाय और अन्य लोगों के बीच एक बाधा के रूप में देखा जाता था। स्थानीय दलित ग्रामीणों ने यह दावा किया है कि यह दीवार उनके समुदाय के लोगों को नीचा दिखाने के लिए बनाई गई थी। सीएनएन news18 को मिले एक हलफनामे में इस्लाम कबूल करने वाले एक दलित ने अपने हलफनामे में कहा है कि उसने किसी दबाव मैं आकर इस्लाम को कबूल नहीं किया बल्कि उसने अपनी इच्छा से इस्लाम को कुबूल किया है। धर्म परिवर्तन करके रविचंद्रन से रईस बने व्यक्ति ने पुलिस पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जो लोग कानूनी रूप से धर्मान्तरित हो रहे हैं उन्हें पुलिस द्वारा धमकी दी जा रही है। तमिल पुलीगल काची के सदस्यों ने कहा कि उनके साथ लगातार भेदभाव,अपमान और हमला किया जाता रहा है। उन्हें अछूत माना जाता है और उन्हें मंदिरों में प्रवेश करने और दूसरों के साथ दुकानों में चाय पीने तक की अनुमति नहीं है।इसलिए पिछले साल दिसंबर में उनकी घोषणा थी कि आसपास के जिलों के 3000 लोगों जनवरी 2020 में इस्लाम धर्म कबूल कर लेंगे।