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इंदौर : दम तोड़ता अस्पतालों का सिस्टम, घंटो इंतज़ार के बाद भी नहीं किया मरीज़ को भर्ती, एम्बुलेंस में मौत

मध्यप्रदेश/इंदौर – मध्यप्रदेश के इंदौर में कोरोना से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। इंदौर जिले में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों ने शासन प्रशासन की चिंता को बढ़ा दिया हैं। शहर के अस्पतालों में बेड सहित ऑक्सीजन की भारी कमी देखी जा रही हैं। इतना ही नहीं इन सबके साथ साथ जीवनरक्षक माना जा रहा रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी भारी कमी देखी जा रहीं हैं। कई मरीज़ ऑक्सीजन की कमी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकी कई नए मरीज़ो को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। नए मरीज़ों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं। 

इसी बीच ताजा मामला इंदौर के स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में सामने आया है, जहां बेड उपलब्ध नहीं होने के अभाव में अन्य हॉस्पिटल से लाए गए मरीज को गेट पर घंटों इंतजार करना पड़ा। भर्ती नहीं होने से आखिरकार उसने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया।

बताया जा रहा है कि सतना के रहने वाले अमित बघेल टाइफाइड के चलते 2 दिनों से इंदौर के पीसी मेमोरियल अस्पताल में इलाज करा रहे थे। परिजन के मुताबिक अस्पताल में आईसीयू वार्ड की व्यवस्था नहीं होने के कारण डॉक्टरों द्वारा उन्हें सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में शिफ्ट करने को कहा गया। सुबह 11 बजे जब परिजन उन्हें लेकर सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल पहुंचे, तो घंटों इंतजार के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें भर्ती नहीं किया। इसके बाद उन्होंने एम्बुलेंस में ही दम तोड़ दिया। 

इस दौरान डॉक्टर ने मरीज की जांच करने की जहमत भी नही उठाई। मरीज की मौत के बाद परिजन आक्रोशित हुए। डॉक्टर्स के साथ ही अफसरों को कोसते नजर आए।

इस से पहले इसी सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में कोरोना मरीज के लिए 60 हजार रुपए में एक बेड के सौदे का ऑडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद यहां हंगामा मच गया था। हंगामा मचा तो अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को जांच सौंप दी और देर शाम निजी कंपनी के फैसिलिटी मैनेजर गिरिजाशंकर यादव के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया।

सूत्रों का कहना था कि यादव और उसके साथी किसी मरीज के डिस्चार्ज होते ही नए मरीजों को पीछे के रास्ते से भर्ती कराने लगे थे।

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