ईओडब्ल्यू की चपेट में द्विवेदी दंपति, फ़र्ज़ी कंपनी के नाम पर करते थे धोखाधड़ी

इंदौर / गरिमा श्रीवास्तव :- फर्ज़ीवाड़े का एक और मामला सामने आया है। जिसमे एक दंपति मिलकर लोगों को ठगा करते थे ।
इंदौर निवासी संजय द्विवेदी व नेहा द्विवेदी फर्जी एडवाइजरी और निवेश कंपनी बनाकर लोगों को ठगने का काम किया करते थे। उन्हें ऐसा लगता कि वह कभी किसी की चपेट में नहीं आएंगे पर अक्सर कर अत्यधिक होशियारी और फर्जीवाड़ा घातक साबित होती है।

ईओडब्ल्यू की नज़र इन दंपति पर पड़ गई।
आपको बता दें कि ईओडब्ल्यू ने सोमवार को संजय के घर छापा मारकर करीब 100 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज हासिल किए हैं। जांच में पता चला कि संजय लोगों को फ़र्ज़ी कंपनी के नाम पर बेवकूफ बनाता था, जो लोग उसके झांसे में आ जाते उनसे निवेश कराता और फिर उनके संपत्ति को बैंक में बंधक बना लोन हासिल करता।
ऐसा करके संजय ने मासूम लोगों के साथ बड़ी धोखाधड़ी की। इस पूरे फर्जीवाड़ा में संजय की पत्नी  नेहा भी शामिल थी। शामिलबाज़ा का यह खेल काफी दिनों से चल रहा था।
इन मामलों की शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू ने संजय के साजन नगर स्थित बंगले, दवा बाजार के दफ्तर, शंकरबाग स्थित एक मकान व दो अन्य स्थानों पर कार्रवाई की गई।
फर्ज़ीवाड़े में करीब 100 से ज़्यादा लोग संजय – नेहा के झांसे में आ चुके थे, जांच के बाद यह ज्ञात हुआ कि लगभग 100 करोड़ से ज़्यादा रुपयों की धोखाधड़ी की गई ही।
एसपी एसएस कनेश के मुताबिक संजय-नेहा ने कंस्ट्रक्शन से जुड़ी मशीनें बनाने वाली कंपनी एलएंडटी को भी ठगा। निर्माण के बड़े कॉन्ट्रैक्ट पेपर बताकर जेसीबी, पोकलेन खरीदीं। उन्हीं से फाइनेंस करवाई, पर पैसा नहीं चुकाया। इधर, इन मशीनों को दिखा कई लोगों को जाल में फंसाया।

दंपति इतने शातिर  थे कि दोनों साथ में न फंसे इसीलिए दोनों साथ में हमेशा तलाक के कागज़ात रखते थे, घर पर छापे में तलाक के फर्जी दस्तावेज सामने आए। यह खुलासा हुआ कि दोनों रहते साथ ही थे, पर जब ठगी के मामलों में फंसते तो नेहा बकहती कि संजय से उसका तलाक हो चुका है। इसी का हवाला देकर नेहा को जून 2019 में जमानत मिल गई।

 इन दोनों ने मुख्य तौर पर मासूम किसानों को शिकार बनाया और उनकी सम्पति ज़ब्त कर फरार हो चले।
फिलहाल जाँच टीम पूरी जानकारी लेने में जुटी है, साथ ही साथ फरार आरोपियों को भी ढूंढने का प्रयास जारी है।

 

Exit mobile version