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केवल बहुमत के आधार पर लोगों पर दबाव डालकर बिल पास कराया गया, जो अव्यवहारिक है – दिग्विजय सिंह

इंदौर / खाईद जौहर – मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर नागरिकता कानून को लेकर सवाल उठाए, इसके साथ ही मोदी सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला। दिग्विजय सिंह ने कहा कि बिल को सिलेक्ट कमेटी में भेजने की कांग्रेस की मांग थी, लेकिन उसे नहीं भेजा गया। उन्होंने कहा कि भारत के किसी भी राज्य में इस कानून को लेकर चर्चा नहीं की गई। केवल बहुमत के आधार पर लोगों पर दबाव डालकर बिल पास कराया गया, जो अव्यवहारिक हैं। 

बता दे कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने इंदौर पहुंचे थे. जहां से उन्होंने इस कानून को लेकर अपना बयान दिया। 

दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि यह मामला सीएए का नहीं, सवाल भारतीय संविधान का हैं। संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन हुआ हैं। एक बार यदि किसी ने इसकी प्रभुता को चुनौती दे दी, तो भारतीय संविधान का मूल ही समाप्त हो जाएगा। सिंह ने कहा कि सरकार को विश्वास पैदा करना चाहिए, क्योंकि संविधान में जाति-धर्म के आधार पर भेदभाव की बात नहीं कही गई हैं। भारत में सभी धर्मों के लोगों का सम्मान होना चाहिए। उनका भारत के संविधान में विश्वास होना चाहिए। 

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने CAA और NRC का विरोध करने की वजह भी बताई। उन्होंने बताया की क्यों विपक्ष इस कानून का विरोध कर रहीं हैं। दिग्गी राजा ने कहा कि असम जैसे छोटे राज्य में 11 साल लगे और 1600 करोड़ रुपए खर्च हुए। अब उस हालात में एनआरसी को कैसे मंजूर कर लें। जो देश के नागरिकों का हक छीने और नागरिकों से कहे कि तुम प्रमाणित करो कि तुम देश के नागरिक हो, उसके बारे में क्या कहा जाए। 

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