स्वच्छता सर्वेक्षण में चौथी बार इंदौर को मिला ताज, वहीं दूसरे स्थान पर रहा भोपाल
स्वच्छता सर्वेक्षण में चौथी बार इंदौर को मिला ताज, वहीं दूसरे स्थान पर रहा भोपाल
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत केंद्र सरकार हर साल स्वच्छता सर्वेक्षण करवाती है
- जिसमें स्वच्छता सर्वे होता है और अलग-अलग मापदंडों के हिसाब से शहरों की रैंकिंग की जाती है
- जिसमें मध्यप्रदेश के इंदौर ने चौथी बार अपना ताज और राज कायम रखा |
भारत का सबसे स्वच्छ शहर फिर से चुना गया है-इंदौर
- आपको बता दें सर्वेक्षण के नतीजे मंगलवार को घोषित हुए थे जिसमें पिछली तिमाही अप्रैल से जून के नतीजों में भोपाल दूसरे स्थान पर काबिज रहा
- जबकि दूसरी तिमाही जुलाई सितंबर के नतीजों में राजकोट ने दूसरा स्थान हासिल किया था |
- वही बात करें पहली तिमाही में सूरत को और दूसरी तिमाही में नवी मुंबई को तीसरा स्थान मिला था
स्वच्छता सर्वेक्षण में दिल्ली की ‘‘खराब’’ रैंकिंग के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ‘‘पूरी तरह से जिम्मेदार’’ ठहराया है.
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण में दिल्ली की ‘‘खराब’’ रैंकिंग के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ‘‘पूरी तरह से जिम्मेदार’’ ठहराया है. केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में अन्य क्षेत्र स्वच्छता के मामले में दिल्ली से बेहतर काम कर रहे है.
केजरीवाल सरकार द्वारा नगर निगमों को पर्याप्त राशि नहीं दिये जाने को जिम्मेदार ठहराते हुये पुरी ने कहा, ‘‘नगर निगम एक हजार करोड़ रुपये की राशि के अभाव का सामना कर रहे हैं. इसके लिये दिल्ली के निगम आयुक्त या मेयर जिम्मेदार नहीं हैं. दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या केजरीवाल हैं.’’
बता दें कि कि स्वच्छ सर्वेक्षण में एक से दस लाख तक की आबादी वाले शहरों के वर्ग में इस साल की पहली तिमाही में नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद् क्षेत्र दूसरे स्थान पर रही है. सर्वेक्षण में शामिल चार हजार से अधिक शहरी स्थानीय निकायों की प्रतियोगिता में पूर्वी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र पहली तिमाही में 284वें स्थान पर, उत्तरी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र 328वें और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र 394वें स्थान पर रहा. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम दूसरी तिमाही में अपनी रेंकिंग सुधारते हुये 205वें स्थान पर रहा.
दिल्ली के स्थानीय निकायों के लचर प्रदर्शन का ठीकरा केजरीवाल पर फोड़ते हुये पुरी ने कहा, ‘‘केजरीवाल का पूरा ध्यान सुविधाओं को मुफ्त बनाने पर है. मैं इसके खिलाफ नहीं हूं. लेकिन मेरा मानना है कि बस सेवा मुफ्त करने से पहले बसों का इंतजाम तो किया जाये.’’
पुरी ने केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना और आयुष्मान भारत योजना जैसी योजनाओं से दिल्ली वालों को वंचित करने के लिये केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराते हुये कहा, ‘‘केजरीवाल इन योजनाओं का जनता के हित में इस्तेमाल ही नहीं कर रहे हैं. इसलिये दिल्ली की समस्याओं के लिये मेयर या निगम आयुक्त जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि अगर कोई एक व्यक्ति जिम्मेदार है तो वह हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री.’’