देश घाटे में रिलायंस मुनाफे में, क्या यही समानता लाना चाहती है मोदी सरकार!

देश की अर्थव्यवस्था लगातार चरमरा रही है, जीडीपी लगातार गिर रही है, बेरोजगारी बढ़ रही है तो दूसरी तरफ रिलायंस का मुनाफा लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में रिलायंस का मुनाफा चालू वित्त वर्ष में 13.5 प्रतिशत बढ़कर 1.6 अरब डालर अर्थात 11640 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कम्पनी निदेशक मंडल की बैठक में जारी वित्तीय लेखा परिणाम में कहा कि दिसंबर में इस तिमाही में उसका कर आदि के बाद लाभ 11817 करोड़ रुपए रहा। लेकिन शुद्ध लाभ 11640 करोड़ रुपए रहा और दूसरी तरफ देश की हालत ख़राब है “पर व्यक्ति आय” में कमी आ रही है। बेरोजगरी अपने चरम पर है पर देश के ठेकेदारों को, उद्योगपतियों को फायदा दिलाने के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा है क्या सरकार इसी समानता की बात करती है ? अगर करती है तो समानता कहाँ है ?

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