देश 73वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा हैं लेकिन यहाँ राष्ट्रपिता गाँधी का हो रहा अपमान

देश 73वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा हैं लेकिन यहाँ राष्ट्रपिता गाँधी का हो रहा अपमान
हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हुआ जिसमें महात्मा गाँधी ने आज़ादी के लिए सैकड़ो आंदोलन किये ,जिसमें उन्होंने अहिंसा को ही अपना हथियार बता कर अंग्रेजों से लोहा लेते रहें ,गाँधी आज भले ही जिंदा नहीं हैं लेकिन हमारे विचारों औऱ संस्कृति में हमेशा जिंदा और अमर रहेंगे….
सम्पूर्ण भारत को जातिवाद औऱ धर्म से उठकर संगठित करने वाले गाँधी आज खुद की मूर्ति के न्याय के लिए पुकार कर रहें हैं!!
जहाँ एक ओर आज देश 73वां स्वतंत्रता दिवस मनाने वाला है औऱ गाँधी जी का ऐसा अपमान शायद क़भी नहीं हुआ जैसा अभी यह गोडसेवादी सरकारें कर रही हैं !!
आपको बता दें ..जबलपुर ज़िले में एक ऐसा गाँव भी है जहाँ क़भी गाँधी आये थे औऱ वहाँ गाँधी ने बैठक ली औऱ उस दिन के बाद उस गाँव को गाँधीग्राम के नाम से जाना जाता हैं!!
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम से विभूषित गाँधीग्राम
गाँधीग्राम में सन 1933 में गाँधीग्राम आये थे।
गाँधीजी के आगमन से पड़ा गाँधीग्राम नाम-उक्त सम्बन्ध में जानकारी देते हुए शिक्षक प्रकाश मिश्रा ने बताया कि उनके बब्बा स्वर्गीय रामनाथ मिश्रा सन 1933 में स्काउट गाइड में थे,उनकी ड्यूटी अंग्रेजों ने पेड़ पर चढ़कर कुल्हाड़ी लेकर गांधीजी की सुरक्षा के लिए लगाई थी।
बाजार स्थल पर लगे पीपल के वृक्ष के नीचे गाँधीग्राम रुके थे कहा जाता है कि तत्कालीन जमीदार ने गांधीजी को दानस्वरूप गांव दान में दिया था।तभी से बुढ़ागर से गाँधीजी के नाम पर इस ग्राम का नाम गाँधीग्राम हो गया।तत्कालीन जमीदार ने गाँधीजी को चरखा भी भेंट किया था।
क्या हैं पूरा मामला…???
महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थल व बाजार स्थल पर अवैध पार्किंग।
बच्चों को खेलने व घूमने में असुविधा।
गांधीग्राम-जबलपुर जिले की उत्कृष्ट निर्मल ग्राम पंचायतों में से एक ग्राम पंचायत गांधीग्राम है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम से विभूषित इस ग्राम पंचायत की बाजार के स्थल पर बीचो-बीच राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विशाल प्रतिमा स्थापित है जो इस ग्राम की पहचान व शान है परंतु देखा जा रहा है कि ग्राम पंचायत गांधीग्राम कि उदासीनता के चलते व रखरखाव के अभाव में
बाजार स्थल का सुंदर परिदृश्य धूमिल होता जा रहा है।प्राप्त जानकारी के अनुसार बाजार स्थल के बीचोबीच स्थित भव्य प्रतिमा के आसपास वाहन मालिकों ने अतिक्रमण कर लिया है यहाँ पर कार, पिकअप,लोडेड वाहनों को अनाधिकृत रूप से दिन व रात्रि के समय पार्किंग की जा रही है।बताया जा रहा है कि अवैध पार्किंग के ये वाहन व्यापारियों व व्यवसायियों के हैं।ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों से अच्छे सम्बन्ध होने के कारण इन पर पंचायत प्रशासन इन पर कार्यवाही करने से परहेज करते हैं।
बच्चों को खेलने नही मिलता--लोगों का कहना है कि महात्मा गांधी की प्रतिमा के चारों ओर बाजार क्षेत्र वाहनों से भरा होने के कारण सुबह शाम बच्चों को खेलने के लिए स्थान उपलब्ध नहीं हो पाता जिससे खेल प्रतिभाओं को निराशा होती है।इसके अलावा दुपहिया वाहनों व नागरिकों को भी निकलने में असुविधा होती है।उच्चाधिकारियों व विभाग से सकारात्मक कार्यवाही की मांग ग्रामवासियों द्वारा की गई है।