बीते 10 सालों में रेलवे की हालत भी हुई खस्ता, कभी भी टेक सकती है घुटने, कैग रिपोर्ट में हुआ खुलासा

नई दिल्ली / खाईद जौहर – मोदी सरकार ने जबसे अपना दूसरा कार्यकाल संभाला है, जबसे मोदी सरकार आर्थिक मोर्चे पर झटके खा रहीं हैं। देश की GDP लगातार निचले स्तर पर जाती जा रहीं हैं। हालात ये है कि इस समय देश की GDP बीते 6 सालों में पांच फीसदी से भी नीचे स्तर पर जा चुकी हैं। इसी बीच मोदी सरकार को एक और झटका लगा हैं। अब भारतीय रेल के भी बीते 10 सालों में सबसे बुरे दौर में होने की रिपोर्ट सामने आई हैं। 

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रेलवे की कमाई बीते दस सालों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुकी हैं। रेलवे का परिचालन अनुपात वित्त वर्ष साल 2017-18 में 98.44 फीसदी तक पहुंच चुका हैं। रिपोर्ट के अनुसार रेलवे को सिर्फ एक रुपये 56 पैसे का मुनाफा हो रहा है जो व्यापारिक नजरिए से सबसे बुरी स्थिति हैं। 

खास बात यह है कि लालू यादव जब रेल मंत्री थे तो भारतीय रेल मुनाफे में थी। लालू यादव के समय भारतीय रेल इस तरह नीचले स्तर पर नहीं थी। 

अगर आज से 10 साल पहले की बात करे तो साल 2007-08 में भारतीय रेलवे ने 25 हजार करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था। कैग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2008-09 में रेलवे का परिचालन अनुपात 90.48 फीसदी 2009-10 में 95.28 फीसदी, 2010-11 में 94.59 फीसदी, 2011-12 में 94.85 फीसदी, 2012-13 में 90.19 फीसदी 2013-14 में 93.6 फीसदी, 2014-15 में 91.25 फीसदी, 2015-16 में 90.49 फीसदी, 2016-17 में 96.5 फीसदी  और 2017-18 में 98.44 फीसदी तक पहुंच चुका हैं। लालू के दौर के बाद से ही भारतीय रेल एक बार फिर घाटे में जाने लगी।

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