मिड डे मील में एक बाल्टी पानी में मिलाया जा रहा था एक लीटर दूध

 

उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय ने कथित तौर पर मध्यान्ह भोजन योजना के तहत 1 लीटर दूध में 1 बाल्टी पानी मिलाकर 85 बच्चों को दिया गया। अब इस बात से सोचने वाली बात तो यह है कि आखिर उन बच्चों को इस दूध से कितना पोषण मिल पा रहा होगा। 

जब विद्यालय में पूछताछ की गयी तो विद्यालय के प्रमुख शैलेश कनौजिया ने आईएएनएस को बताया, “स्कूल में 171 बच्चे नामांकित हैं और उस दिन   85 बच्चे मौजूद थे। मेरे ऊपर तो दोनों विद्यालयों की देखरेख करने की जिम्मेदारी है, मुझे तो दोनों विद्यालयों के लिए दूध की व्यवस्था करनी थी और मेरे पास इतना समय भी नहीं है कि में बैठ कर निगरानी करता। सलाबांवा के सरकारी प्राथमिक स्कूल में पहुंचने वाले दूध की मात्रा कितनी है मैं इस बात का ध्यान नहीं रख सकता। हम तो दूध के साथ रसोइया भी उपलब्ध कराया, जिसे बच्चों में वितरित किया गया और उन्होंने इसे पिया। “

लेकिन कर्मचारियों का कहना था कि सभी बच्चों के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध उपलब्ध नहीं है और यही वजह है कि दूध में पानी मिलाने का सहयोग लिया जाता है। 

समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा एक महिला से पूछताछ के बाद बताया गया, “सर ने मुझे बताया कि दूध में फुल बाल्टी पानी मिलाया जाता है। दूध को उबालने के बाद फिर परोसा जाता है।”

 

4 वीं कक्षा की छात्रा पूजा ने कहा, “हमें पानी मिला हुआ दूध दिया गया था। “

यह मामला जिले के अधिकारियों के ध्यान में आया, जिन्होंने घटना के बारे में पूछताछ करने और मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता की जांच करने का दौरा किया।

सहायक बेसिक शिक्षा अभियान, सोनभद्र, गोरखनाथ पटेल ने कहा “मुझे बताया जा रहा है कि दूध अनुपलब्ध था, इसलिए उन्हें प्राधिकरण द्वारा दूध में  संतुलित मात्रा में पानी मिलाने के लिए निर्देशित किया गया था। मुझे यह भी बताया जा रहा है कि शिक्षक अधिक दूध लेने गए थे, और इस बीच तस्वीरें क्लिक की गईं और वितरित की गईं।”

गोरखनाथ पटेल ने विश्वास दिलाते हुए कहा है कि मैं मामले की जांच कर रहा हूं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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