मध्यप्रदेश में 64 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी के पास भवन नही, केंद्र नही दे रही राज्य सरकार को फंड
प्रदेश में आंगबाड़ी की हालत बेहद खराब है, ग़रीब बच्चों और महिलाओं के पोषण आहार की जिम्मेदारी लगभग आंगनबाड़ी की होती है लेकिन जब इसी आंगनबाड़ी की हालत अनाथों के जैसी है तो ये अपनी जिम्मेदारियों को कैसे पूरा करेगी। बता दें कि प्रदेश में कुल 97 हजार 135 आंगनबाड़ी संचालित हैं जिनमें से सिर्फ 32789 के पास ही खुद का भवन है। यानी प्रदेश में 64 हजार 456 आंगनबाड़ी भवन विहीन हैं। ये या तो किराए के मकानों में संचालित हैं या फिर टूटे-फूटे सार्वजनिक स्थानों पर अपना काम चला रही हैं। केंद्र सरकार की इस रिपोर्ट से पोषण आहर वितरण की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं 7632 आंगनबाडिय़ों में शौचालय तक नहीं है। 1200 आंगनबाड़ी में पानी का पानी नहीं है।
इन आंगनबाडिय़ों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार से प्रदेश को 1200 करोड़ से ज्यादा फंड चाहिए। लेकिन केंद्र सरकार ने पिछले तीन सालों में प्रदेश को 100 करोड़ रुपए भी नहीं दिए। प्रदेश सरकार के पास वैसे भी फंड की कमी है, लेकिन पोषण व्यवस्था बेहतर करने के लिए सरकार अपनी ओर से भवन निर्माण के लिए फंड जुटाने के रास्ते तलाश रही है।