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….. या यूँ कहें की सरकार और इस कोरोना महामारी ने उनको लूटेरा बनने पर मजबूर कर दिया है

भोपाल डेस्क, गौतम कुमार 

लॉकडाउन और प्रवासी मजदूर दोनों ही अपने मन के मालिक नहीं है। एक को अपने घर वार लौटने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है तो दुसरे कि वजह से मानो पूरा देश थम सा गया हो। हालांकि प्रवासी मजदूरों को घर वापस लाने के लिए के लिए और लॉकडाउन को हटाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मेहनत कर रही है। लेकिन प्रवासी मजदुर किस हालात में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा कर रहे हैं इसका भान आपको नहीं है। 

राज्य सरकारें न तो उनके खाने पीने कि उचित व्यवस्था करवा रही और न लौटने के बाद क्वारंटाइन सेंटर में रहने कि। हालांकि बिहार के एक सेंटर में नाच गाना करवाया गया लेकिन उसी जिले के अनेक सेंटर ,में मजदूर गंदी व्यवस्था का रोना रोड पर निकलकर रोते देखे गए। अपने घर लौटने के क्रम में खाने को लेकर सतना में हाथापाई करते देखे गए तो सागर में भूंख से बेहाल होकर स्टेशन पर बने दूकान लूटते देखे गए। जब सरकारें सभी व्यवस्थाएं कर रही है तो ऐसी नौबत क्यूँ आ रही है कि मजदूरों को लूटकर खाना पड़ रहा है।

श्रमिक स्पेशल ट्रेन में खाने पीने के बुरे हाल हैं, नागपुर से बिहार जा रही ट्रेन के यात्री कटनी के आगे व्योहारी स्टेशन पर खाने पीने की दुकानों पर लूट करने लगे जिसे बाद में रोका गया. मीडिया को यात्रियों से बात करने से भी रोका जा रहा है @ABPNews @ChouhanShivraj @PiyushGoyalOffc pic.twitter.com/0DgChFsIxd

— Brajesh Rajput (@brajeshabpnews) May 22, 2020

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ऐसा ही एक मामला कटनी से आगे बने व्योहारी स्टेशन से आया है। नागपुर से बिहार के लिए एक श्रमिक special ट्रेन खुली है। जैसे ही यह व्योहारी स्टेशन पर रुकी श्रमिक स्टेशन के बगल में बने एक दूकान पर टूट पड़े और जमकर लूटपाट मचाई। पैसा-रुपया नहीं बल्कि खाने और पीने के सामानों की लूट। क्या मनोदशा और क्या मजबूरी रही होगी उसकी जो दिन-रात मेहनत कर अपना घर वार चलाता है आज लूटेरा बना बैठा है। या यूँ कहें की सरकार और इस कोरोना महामरी ने उनको लूटेरा बनने पर मजबूर कर दिया है।

कटनी के व्योहारी का यह वीडियो है, मीडिया वालों को मजदूरों से बात करने की एक दम मनाही है पर सच छुपाने से छुपता कहां है। 

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