भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में सिंधिया समर्थक तीन मंत्री चुनाव हार गए थे। जिसमें इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया और एंदल सिंह कंसाना के नाम शामिल थे। चुनाव हारने के तुरंत बाद ही एंदल सिंह कंसाना ने मंत्री पद से इस्तीफा तो दे दिया था। जबकि मंत्री इमरती देवी, और मंत्री गिर्राज दंडोतिया ने पिछले महीने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री शिवराज को सौंपा हैं।
लेकिन खास बात ये है इस्तीफा सौंपने के बावजूद भी इमरती देवी अभी भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा निभा रही हैं। उन्होंने मंगलवार को हुई एक कैबिनेट की बैठक में हिस्सा लिया। कैबिनेट बैठक दोपहर 12:00 बजे मंत्रालय में जैसे ही शुरू हुई, इसके थोड़ी देर बाद ही इमरती देवी मीटिंग रूम में जुड़ गई।
सूत्रों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई मंत्री चुनाव हारने के बाद भी कैबिनेट की बैठक में शामिल हो रहा हैं। इससे पहले भी वह कैबिनेट बैठक में शामिल हो चुकी हैं। कांग्रेस ने इमरती देवी के गैर विधायक रहते बैठक में शामिल होने पर कड़ा एतराज जताया था।
इस से पहले 26 नवंबर को सीएम की वर्चुअल बैठक में इमरती देवी ने हिस्सा लिया था। इसमें बाकी मंत्रियों के साथ इमरती देवी भी शामिल हुई थी। महिला एवं बाल विकास विभाग ने लैपटॉप खरीदी की मंसूरी का प्रस्ताव दिया, इसे इमरती देवी ने रखा और उसे कैबिनेट सदस्य के तौर पर मंजूरी दी। वे मंत्री के रूप में विभागीय कामकाज कर रही थी। इतना ही नहीं मंत्री स्तर की सभी फाइलें इमरती देवी तक जाती है वही प्रस्ताव को मंजूर या नामंजूर कर रही हैं।
इमरती देवी का कहना था कि हम सीएम को अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं। वे जब चाहेंगे उसे मंजूर कर देंगे। अभी हमने कैबिनेट में मंत्री के रूप में भाग लिया बाकी काम भी कर रहे हैं हम पार्टी लाइन पर काम करते हैं और सीएम कहेंगे वही काम हम करेंग।
कैबिनेट बैठक में शामिल होने के सवाल पर कंसाना ने कहा कि हमने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया हैं। अब हम कैबिनेट बैठक में क्यों शामिल होंगे। इमरती देवी कैबिनेट बैठक में शामिल हुई या नहीं हुई मुझे इसकी जानकारी नहीं हैं। ऐसे ही दंतोडिया ने कहा कि मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैबिनेट बैठक में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता हैं।