जबलपुर : हालही में राजधानी भोपाल में हुई कैबिनेट की बैठक में शिवराज सरकार ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी, जिसके बाद से ही प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। जहां एक तरफ कांग्रेस इसको लेकर सरकार के खिलाफ हमवालर है तो वहीं, सत्तापक्ष की और से इस नीति को लेकर कई तरह के बयान सामने आ रहे हैं।
अब सरकार की नई आबकारी नीति पर जबलपुर से भाजपा सांसद राकेश सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। राकेश सिंह ने कहा कि मैं तो शराब पीता नहीं हूं पर सरकार ने शराब को लेकर जो निर्णय लिए होंगे वह काफी सोच समझकर ही लिए होंगे। हालांकि, उन्होंने आम जनता से अपील भी की है किसी को भी शराब नहीं पीना चाहिए।
वहीं, जब राकेश सिंह से शराब से राजस्व बढ़ाने को लेकर सवाल किया गया तो इस पर उन्होंने कहा कि सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए कोई काम करती है तो सोच समझकर ही करती होगी, सरकार ने शराब नीति को लेकर पहले विशेषज्ञों से सलाह ली होगी और उसके बाद ही निर्णय लिया होगा। बता दे कि राकेश सिंह ने ये बातें जबलपुर में कहीं।
इस से पहले जबलपुर दौरे पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी जब राजस्व को लेकर सवाल किया गया था तो इस पर उन्होंने कहा था कि
अगर प्रदेश में शराब बंद हो जाएगी तो फिर धंधा कैसे चलेगा, हां यह जरूर है कि शराब को लेकर कुछ नियम जरूर बनना चाहिए, अगर शराब बंद हो जाएगी तो फिर सरकार को राजस्व कहां से मिलेगा? हर राज्य के राजस्व का एक स्रोत होता है इसी तरह से मध्य प्रदेश में राजस्व का मुख्य स्त्रोत शराब है ऐसे में अगर शराब बंद की जाएगी तो धंधा कहां से होगा।
क्या है नई आबकारी नीति, जानें यहां
नई नीति लागू होने के बाद न केवल विदेशी शराब के दाम कम होंगे बल्कि आप अपने घर में भी 4 गुना ज़्यादा शराब रख सकते हैं। नई शराब नीति में विदेशी शराब पर 10%-13% तक ड्यूटी में कमी लाई गई है जिससे शराब की डिमांड बढ़ेगी, और ज्यादा बिक्री होगी। इसके अलावा नई नीति के तहत होमबार लाइसेंस का निर्णय भी लिया है अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय 1 करोड़ रुपए है तो वह व्यक्ति घर पर बार ओपन कर सकेगा। इसके अलावा एयरपोर्ट पर अंग्रेजी शराब की दुकानें होंगी, और मॉल्स में काउंडर पर वाइन भी मिल सकेगी।
साथ ही नई आबकारी नीति में अंगूर के अलावा जामुन से भी शराब बनाने की अनुमति दी जाएगी और दुकानें कंपोजिट होंगी यानी एक ही दुकान पर अंग्रेजी और देशी दोनों शराब मिल पाएंगी। बता दे कि ये नई आबकारी नीति नए वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2022 से लागू होगी।