मध्यप्रदेश/भोपाल – मध्यप्रदेश में सबसे चर्चित हनीट्रैप खुलासे के बाद पुलिस मुख्यालय ने सबसे पहले एसआईटी का गठन किया था। लेकिन, 24 घंटे के अंदर ही एसआईटी चीफ आईजी डी श्रीनिवास वर्मा को हटाया गया और एडीजी संजीव शमी को कमान सौंपी गई। संजीव शमी के नेतृत्व में जांच आगे बढ़ पाती उससे पहले ही सरकार ने राजेंद्र कुमार को एसआईटी चीफ बना दिया। राजेंद्र कुमार की टीम में एडीजी मिलिंद कानस्कर, तत्कालीन डीआईजी इंदौर रुचि वर्धन मिश्रा शामिल थीं। बार-बार एसआईटी चीफ बदले जाने पर हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिए थे कि कोर्ट की अनुमति के बिना एसआईटी में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा।
इसी बीच अब एक बार फिर इस मामले में हलचल तेज़ हो गई हैं।
दरअसल, इस केस की जांच के लिए गठित एसआईटी (SIT) में अब राज्य शासन ने दो नए आईपीएस (IPS) अधिकारियों को शामिल किया हैं। गृह विभाग ने कमेटी में डीआईजी पुलिस मुख्यालय रुचि वर्धन मिश्रा और डिप्टी डायरेक्टर पुलिस अकादमी विनीत कपूर को सदस्य बनाए जाने का आदेश जारी कर दिया हैं।
बता दे कि अभी एसआईटी चीफ एडीजी विपिन महेश्वरी हैं।
मालूम हो कि अगस्त में एसआईटी चीफ राजेंद्र कुमार ने हाईकोर्ट को बंद लिफाफे में करीब 40 आरोपियों के नाम सौंपे थे। पुलिस मुख्यालय से लेकर मंत्रालय तक में इन नामों की चर्चा हो रही हैं। सूत्रों ने बताया कि इन नामों में कई राजनेता और आईएएस और आईपीएस अफसर शामिल हैं।