UP सरकार के नक़्शे कदम पर MP सरकार:- लव जिहाद पर 5-10 साल की सजा का होगा प्रावधान, आगामी विधानसभा में पेश किया जायेगा विधेयक,पढ़ें पूरी रिपोर्ट

भोपाल/ गरिमा श्रीवास्तव :- उत्तर प्रदेश सरकार के नक्शे कदम पर अब मध्य प्रदेश सरकार भी चलने लगी है. लव जिहाद के मसौदे पर आज गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अफसरों से चर्चा की. इस बैठक से यह बात सामने निकलकर आई है कि अब लव जिहाद को लेकर मध्यप्रदेश में कठोर सजा होगी. प्रदेश में अब आरोपियों के खिलाफ 10 साल की सजा होगी.
 यह विधेयक आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा… बैठक में 5 साल से लेकर 10 साल के कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। बैठक में मौजूद लोगों ने इस पर सहमति जताई है। 
सरकार का कहना है कि सजा के प्रावधान को इसीलिए बढ़ाया जा रहा है कि कोई भी ऐसी गलती करने से पहले गहन विचार करे। और खुद को इस तरह के अपराध करने से रोके। 
अब जो भी इस तरह के कृत्य करेगा उसके खिलाफ 5-10 तक की सजा हो सकती है। 
मध्यप्रदेश में 27 दिसंबर से विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है। 

लव जेहाद के खिलाफ योगी सरकार का अध्यादेश, 10 साल तक की होगी सजा, मप्र सरकार नक़्शे कदम पर :-  

लव-जिहाद को लेकर जारी देशव्यापी बहस के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंगलवार को विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 पास कर दिया। इस नए कानून के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बलपूर्वक, झूठ बोलकर, लालच देकर या अन्य किसी कपटपूर्ण तरीके से अथवा विवाह के लिए धर्म परिवर्तन गैर जमानती अपराध होगा। ऐसे में अब लव जिहाद करने वालों से योगी सरकार पूरी सख्ती से निपटेगी। महज शादी के लिए अगर लड़की का धर्म बदला गया तो न केवल ऐसी शादी अमान्य घोषित कर दी जाएगी, बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को दस साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।

धर्म बदलना है तो दो माह पहले डीएम को दें जानकारी:

मंगलवार को कैबिनेट से पास इस महत्वपूर्ण अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के सभी पहलुओं पर प्राविधान तय किए गए हैं। अध्यादेश के प्राविधानों के अनुसार धर्म परिवर्तन का इच्छुक होने पर संबंधित पक्षों को तय प्रारूप पर जिला मजिस्ट्रेट को 02 माह पहले सूचना देनी होगी।इसका उल्लंघन करने पर 06 माह से 03 वर्ष तक की सजा हो सकती है, जबकि इस अपराध में न्यूनतम जुर्माना 10,000 रुपये तय किया गया है। यही नहीं, योगी सरकार ने सामूहिक धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर लगाम लगाने के भी पुख्ता इंतजाम किए हैं। नए कानून के मुताबिक सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में 03 से 10 वर्ष तक जेल हो सकती है और कम से कम 50,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा।

यह है कानून

नए कानून के मुताबिक एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन के लिए संबंधित पक्षों को विहित प्राधिकारी के समक्ष उद्घोषणा करनी होगी कि यह धर्म परिवर्तन पूरी तरह स्वेच्छा से है। संबंधित लोगों को यह बताना होगा कि उन पर कहीं भी, किसी भी तरह का कोई प्रलोभन या दबाव नहीं है। योगी सरकार के इस कानून के लागू होने के बाद अब उत्तर प्रदेश में किसी एक धर्म से अन्य धर्म में लड़की के धर्म में परिवर्तन से एक मात्र प्रयोजन के लिए किए गए विवाह पर ऐसा विवाह शून्य की श्रेणी लाया जा सकेगा। दबाव डालकर या झूठ बोलकर अथवा किसी अन्य कपट पूर्ण ढंग से अगर धर्म परिवर्तन कराया गया है तो यह एक अपराध के रूप माना जाएगा और इस गैर जमानती प्रकृति के अपराध के मामले में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में मुकदमा चलेगा। दोष सिद्ध हुआ तो दोषी को कम से कम 1 वर्ष और अधिकतम 5 वर्ष की सजा भुगतनी होगी, साथ ही न्यूनतम 15,000 रुपए का जुर्माना भी भरना होगा। अगर मामला अवयस्क महिला, अनूसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के सम्बन्ध में हुआ तो दोषी को 03 वर्ष से 10 वर्ष तक कारावास की सजा और न्यूनतम 25,000 रुपये जुर्माना अदा करना पड़ेगा

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