हाथरस का जबलपुर कनेक्शन ,पीड़िता की भाभी बनकर गई थी जबलपुर की महिला डॉक्टर, नक्सली कनेक्शन के लग रहे आरोप 

हाथरस का जबलपुर कनेक्शन ,पीड़िता की भाभी बनकर गई थी जबलपुर की महिला डॉक्टर, नक्सली कनेक्शन के लग रहे आरोप 

हाथरस कांड में जबलपुर का कनेक्शन भी सामने आया है। आरोप है कि जबलपुर मेडिकल कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के तौर पर काम करने वाली डॉक्टर राजकुमारी बंसल इस कांड के बाद न केवल हाथरस पहुंचीं बल्कि उन्होंने पीड़िता की भाभी बनकर मीडिया में बढ़-चढ़कर बयान भी दिए थे। जबलपुर की महिला डॉक्टर के हाथरस पहुंचने और वहां उनके द्वारा गांव वालों को भड़काने का खुलासा उत्तर प्रदेश की एसआईटी ने किया है। लिहाजा एसआईटी अब उनकी भूमिका की जांच कर रही है। यूपी एसआईटी द्वारा निशाने पर लिए जाने के बाद जबलपुर की डॉक्टर राजकुमारी बंसल खुद मीडिया के सामने आई और अपनी चुप्पी तोड़ी।

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कथित गैंगरेप मामले में नक्सल कनेक्शन सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। एसआईटी की टीम मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली महिला की तलाश में जुटी है। इसी बीच नक्सली होने का आरोप लगने पर डॉक्टर राजकुमारी बंसल मीडिया के सामने आकर बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि मेरा कोई रिश्ता नहीं है, मैं केवल आत्मीयता के तौर पर हाथरस गैंगरेप पीड़िता के घर गई थी।

हाथरस में पीड़ित परिवार के साथ बैठीं डॉ. राजकुमारी बंसल।
'उनकी मदद करने पति को बताकर गई थी'

राजकुमारी बंसल ने बताया कि उनको अच्छा लगा कि हमारे समाज की एक लड़की इतने दूर से आई है तो उन्होंने कहा कि बेटा एक दो दिन रूक जाओ, तो मैं रूक गई. उन्होंने कहा कि मैं पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद करना चाहती थी. सिर्फ पति को बताकर गई थी। उधर, एसआईटी की जांच पर सवाल खड़ा करते हुए महिला ने कहा कि पहले सबूत पेश करें। वहीं बोलना और आरोप लगाना बहुत आसान होता है।

डॉ. बंसल पर गांव वालों को भड़काने और झूठी बयानबाजी के आरोप

डॉक्टर राजकुमारी बंसल पर नक्सलियों से संबंध होने और हाथरस कांड के बाद पीड़िता के घर पहुंच कर गांव वालों को भड़काने और झूठी बयानबाजी के आरोप लग रहे हैं। इन तमाम आरोपों पर सफाई देते हुए डॉ. बंसल ने कहा है कि वे इंसानियत के नाते हाथरस पहुंची थी और पीड़िता के परिवार की मदद करना ही उनका मकसद था। नक्सलियों के संबंधों से लेकर तमाम गंभीर आरोपों के घेरे में आई जबलपुर की डाॅ. बंसल ने योगी सरकार की जांच पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

'मेरे फोन टैप किए जा रहे हैं'

डॉ. बंसल ने दावा है कि एक फॉरेंसिक एक्सपर्ट होने के नाते वे पीड़िता के इलाज से संबंधित दस्तावेज जांचना चाहती थी लेकिन उन्हें दस्तावेज देखने नहीं मिले हैं। नकली भाभी बनकर सुर्खियों में आई राजकुमारी बंसल ने खुद के नक्सलियों से संबंध होने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए चुनौती दी है कि यदि उनके संबंध नक्सलियों से हैं तो जांच एजेंसियां इसे साबित करके दिखाएं।

राजकुमारी बंसल ने खुद के फोन टैपिंग होने का भी आरोप लगाते हुए बकायदा जबलपुर के साइबर सेल में इसकी शिकायत भी दर्ज कराई है। बंसल ने कहा कि 'हाथरस की घटना ने उन्हें अंदर से झकझोर दिया था लिहाजा पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की लड़ाई में साथ देने ही वे हाथरस पहुंची थी।'

डॉक्टर को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा

इधर, मेडिकल कॉलेज अस्पताल की फॉरेंसिक विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर राजकुमारी बंसल के इस रवैये पर मेडिकल प्रशासन ने गंभीर रुख अख्तियार किया है, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ पीके कसार ने एक शासकीय सेवक द्वारा इस तरह के आंदोलनों में शामिल होने को गंभीर कदाचरण माना है। उन्होंने कहा है कि डॉ. राजकुमारी बंसल को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और शासन के नियमों के मुताबिक उन पर कार्रवाई भी की जाएगी।
 

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