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GST मुआवजा: कोरोना संकट में कर्ज योजना के लिए तैयार होने वाले राज्यों 21 में से केवल 1 कांग्रेस शासित राज्य

Borrowing का विकल्प नहीं चुनने वाले राज्यों को अभी नहीं मिलेगा GST मुआवजा, 2022 तक करना होगा इंतजार

नई दिल्‍ली भारती चनपुरिया की रिपोर्ट : –  जीएसटी(GST) मुआवजे के मुद्दे पर केंद्र सरकार(Central Government ) की कर्ज योजना का विकल्प चुनने वाले 21 राज्यों में से 1 कांग्रेस शासित प्रदेश भी है. आपको बता दें कि कोरोना (Corona )वायरस महामारी के बीच (GST ) क्षतिपूर्ति को लेकर केंद्र द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे की कमी के पूरा करने के लिए देश के 21 राज्यों ने GST  काउंसिल द्वारा प्रस्तावित 'उधार' के विकल्प को चुना है.

इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश भी शामिल है. इस सूची में कांग्रेस शासित केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी का नाम भी है. 

मणिपुर ने पहले पहले ना करने के बाद दी प्रस्‍ताव पर सहमति : –

मणिपुर ने पहले ऑप्‍शन-2 का विकल्प चुना था. , बाद में ऑप्‍शन-1 में तब्‍दील कर केंद्र सरकार के प्रस्‍ताव पर हामी भर दी.अब  माना जा रहा है कि एक-दो दिन में कुछ दूसरे राज्य भी अपना 'उधार' विकल्प देने पर सहमति जता देंगे. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के सूत्रों ने माना है किGST  काउंसिल में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की उपस्थिति है. जीएसटी एक्‍ट के अनुसार, किसी भी मुद्दे पर मतदान के लिए केवल 20 राज्यों को ही कोई प्रस्ताव पारित करना होगा. साफ है कि अगर अन्य राज्य 5 अक्टूबर 2020 को जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले अपने विकल्प नहीं बताते हैं, तो उन्हें जून 2022 तक मुआवजे के लिए इंतजार करना होगा.                                                                                    

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