भोपाल/प्रियंक केशरवानीः- महुआ के फूल से बनने वाली शराब करे लिए मध्यप्रदेश सरकार हेरिटेज मदिरा नीति ला रही है। आदिवासियों को ही मिलेगा माइक्रो डिस्टलरी का लाइसेंस। मध्यप्रदेश में हेरिटेज मदिरा का होगा पेटेंट, हेरिटेज मदिरा नीति 2022 को लेकर मंत्रीमंडल समूह ने की बैठक।
आदिवासी विकासखंडों में ही स्थापित करनी होगी माइक्रो डिस्टलरी इसमें शराब बनाने का लाइसेंस आदिवासी व्यक्ति या समूह को दिया जाएगा। डिस्टलरी भी आदिवासी विकासखंड में ही लगानी होगी। वहीं वाणिज्यिक कर विभाग ने नीति का प्रस्तुतिकरण गृहमंत्री नहोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता वाले मंत्रीमंडल समूह की बैठक में किया गाया है। नीति का अंतिम निर्णय के लिए कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।