Bhopal Desk ,Gautam Kumar
केंद्र सरकार चाहे कोरोना से लड़ने के लाख वादे करें। लेकिन उसके दावों की पोल अब खुलती नज़र आ रही है।सरकार के पास वेंटिलेटर ,PPE किट से लेकर फेस मास्क तक कि किल्लत है। और लोगों का ध्यान दिया बत्ती और ताली पर लगवाया जा रहा है। कोरोना वायरस से लड़ रहे डॉक्टरों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि अगर सरकार ने कुछ जरूरी कदम पहले उठा लिए होते तो शायद हमे इन चीजों कि इतनी किल्लत नहीं होती।
इसी बीच कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी मेडिकल उपकरण बनाने वालों ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन लोगों का कहना है कि सरकार ने इस महामारी से लड़ने के लिए जरूरी मेडिकल उपकरण बनाने की अनुमति देर से दी जिसके चलते देश ने पांच हफ्ते गंवा दिए।
हो रही है किल्लत
आपको बता दे कि कोरोना वायरस से बचाव में जुटी टीम के लिए एन-95 मास्क, पर्सनल प्रोटेक्टिव किट और सैनिटाइजर की किल्लत हो रही है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए किट और मास्क की और ज्यादा जरूरत है।
क्या मोदी सरकार ने स्वास्थ्य संकट के इस पहलू को सही तरीके से संभाला है ? एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रिवेंटिव वियर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (PWMAI) के अध्यक्ष संजीव ने बताया कि पीपीई की कमी की मुख्य वजह इसको लेकर सरकार की लेट प्रतिक्रिया है।