सभी खबरें

बेरोजगारी बनी देश की सबसे बड़ी समस्या, इस वित्त वर्ष में 16 लाख रोजगार घटेंगे, चिदंबरम ने कहा: यही हालात रहे तो लोगों का गुस्सा फूटेगा

 

  •   बेरोजगारी दर 45 साल के उच्च स्तर पर, इसमें और इजाफा होने से सरकार पर दबाव बढ़ेगा
  •   रिपोर्ट के मुताबिक 2019-20 में नए रोजगारों की संख्या 73.9 लाख रह सकती है
  •   आर्थिक सुस्ती के चलते कंपनियों ने कॉन्ट्रैक्ट वाले काम घटाए, 2018-19 में रोजगारों की संख्या लगभग 89 लाख थी

मुंबई: पिछले वित्त वर्ष (2018-19) के मुकाबले इस साल (2019-20) रोजगार के करीब 16 लाख कम होने का अनुमान है। एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट ईकोरैप के अनुसार अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से रोजगार प्रभावित हो रहे हैं। असम, बिहार, राजस्थान, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में पैसे भेजने में कमी आने से पता चलता है कि कॉन्ट्रैक्ट वाले काम घट रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 5 साल में उत्पादकता वृद्धि दर 9.4% से 9.9% के बीच रही। ऐसे में सालाना इंक्रीमेंट भी कम होने की आशंका है।

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि अगर इसी तरह बेरोजगारी बढ़ती रही, तो डर है कि युवाओं और छात्रों का गुस्सा भड़क न उठे। देश पहले ही सीएए और एनपीआर के विरोध में है। महंगाई बढ़ना और अर्थव्यवस्था कमजोर होना देश के लिए और भी बड़ा खतरा है। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आर्थिक स्थिति को लेकर मौन व्रत धारण कर लेते हैं अब वक्त है कि वे सामने आएं और महंगाई कम करने के लिए अगले 30 दिन का रोडमैप बताएं।
सरकारी नौकरियों में भी रोजगार घटने की संभावना: रिपोर्ट
ईपीएफओ के आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 में देश में 89.7 लाख रोजगार बढ़ें थे, लेकिन 2019-20 में इस आंकड़े में लगभग 16 लाख की कमी आ सकती है। ईपीएफओ के आंकड़ों में 15,000 रुपए तक वेतन वाले काम शामिल होते हैं। ईकोरैप रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल से अक्टूबर 2019 तक 43.1 लाख नए कर्मचारी जुड़े। इस आधार पर वित्त वर्ष खत्म होने तक यह आंकड़ा 73.9 लाख रहने का अनुमान है।
    
पिछले कुछ सालों में यह देखा गया है कि आजीविका के लिए दूसरे राज्यों में जाकर काम के विकल्प तलाशने का चलन बढ़ा है। असमान विकास की वजह से कृषि और औद्योगिक रूप से कम विकसित राज्यों के लोग रोजगार के लिए दूसरे राज्यों का रुख करते हैं। जैसे उत्तरप्रदेश, बिहार, दक्षिणी मध्यप्रदेश, ओडिशा और राजस्थान के श्रमिक महाराष्ट्र और गुजरात का रुख करते हैं। प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार के सबसे ज्यादा मौके दिल्ली में होते हैं .


कुछ रिपोर्ट के अनुसार बेरोजगारी पहले ही 45 साल के सबसे निचले स्तर पर है और अब यह रिपोर्ट जिसमे नए वित्त वर्ष में लगभग 16 लाख नए रोजगार कम सृजित होने की संभावना है ऐसे में रोजगार घटने से सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 2018 में लगभग 12000 लोग आत्महत्या बेरोजगारी की वजह से किये थे। सीएसओ के अनुसार 2019-20 में देश की ग्रोथ 5% रहने का अनुमान है। अगर ऐसा हुआ तो 11 सालों में ये दर सबसे कम होगी, और अगर दर कम होती है तो बेरोजगारी दर अपने आप बढ़ेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button