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आदिवासी इलाके में इलाज की कमी से 4 बच्चों की मौत 30 अब भी बीमार 

आदिवासी इलाके में इलाज की कमी से 4 बच्चों की मौत 30 अब भी बीमार 

  • बाहुल्य खालवा ब्लॉक के लंगोटी गांव में 20 दिन में 4 बच्चों की मौत
  • दो बच्चे अपने परिवार के इकलौते बेटे थे
  • ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं से ज्यादा ओझाओं पर भरोसा

खंडवा
खंडवा जिले के आदिवासी बाहुल्य खालवा ब्लॉक के लंगोटी गांव में 20 दिन में 4 बच्चों की मौत से हडकम्प मच गया| यहाँ पर बुखार और गले में सुजन होने से 30 में से 4 बच्चो की मौत हो चुकी है और 30 से भी ज्यादा बच्चे बीमार पड़े हैं| 

 

गाँव में पहले 23 जुलाई को 11 साल के अभिषेक की मौत हुई उसके 5 दिन बाद 9 साल के निखिलेश की मौत हो गई, 29 जुलाई को 9 वर्षीय अजय पाटिल की मौत हुई, वहीं आठ साल की रेणुका की 5 अगस्त को मौत हो गई| ऐसे में अब तक 20 दिन के अन्दर 4 बच्चो की बीमारी से मौत हो चुकी है गाँव में जिन 4 बच्चो की मौत हुए है उनमे से दो बच्चे अपने परिवार के इकलौते बेटे थे, दोनों के घर मातम छाया हुआ है|

 
मामला सामने आने के बाद एएनएम और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने रविवार- सोमवार को सर्वे किया। उन्होंने बच्चों के परिजनों से बीमार बच्चों को अस्पताल ले जाने को कहा, लेकिन सोमवार शाम तक एक भी व्यक्ति डॉक्टर के पास नहीं गया था। ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं से ज्यादा ओझाओं पर भरोसा है। वे उन्हीं से झाड़फूंक करा रहे हैं।

 

ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने बताया कि हम नजदीक के सरकारी अस्पताल जाते हैं, लेकिन वहां इलाज के बजाय खालवा या खंडवा की पर्ची बनाकर थमा दी जाती है। जिला अस्पताल जाने पर वहां भी डॉक्टर सामान्य चेकअप कर गोली-दवाई लिख देते हैं। मेडिकल से दवा तो मुफ्त में मिल जाती है, लेकिन बीमारी ठीक नहीं हो पाती हम लोग मजदूर हैं, बार-बार किराया लगाकर 60 किमी दूर खंडवा तो नहीं जा सकते, इसलिए जो डॉक्टर झोला उठाकर गांव आते हैं, उनसे 50-100 रुपए देकर इलाज करवा लेते हैं। दिन भर बच्चे आंगन-खलिहान में खेलते हैं। हम मजूदरी पर निकल जाते हैं। इस बार तबीयत ज्यादा बिगड़ गई, तो प्राइवेट अस्पताल ले गए, लेकिन जान नहीं बचा सके।

 

खंडवा कलेक्टर अनय द्विवेदी ने बताया कि क्षेत्र में बच्चों में कोई संक्रामक रोग या बीमारी नहीं है कुछ ग्रामीणों ने अंधविश्वास का सहारा लिया था जिसकी वजह से ये सब हो रहा है|  कलेक्टर ने कहा, “हमने इलाके में एक टीम भेजी और 35 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। वे सभी फिट पाए गए|”  उन्होंने आदेश दिया है कि गिरफ्तार किए गए तथाकथित 'तांत्रिक' के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाए|

खंडवा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डीएस चौहान ने बताया, “बच्चों में सामान्य पीलिया और निमोनिया था। इसके चलते बुखार आया और गले पर सूजन आ गई थी। परिवार वाले झाड़फूंक करते रहे। दो बच्चों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग को जानकारी मिली, तो बाकी 2 बीमार बच्चों को जिला अस्पताल लाया गया, उन्होंने भी दम तोड़ दिया।”
 

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