उज्जैन में पूर्णिमा पर मैली शिप्रा के काले पानी में श्रद्धालुओं की डुबकी के बाद फव्वारा स्नान

उज्जैन में पूर्णिमा पर मैली शिप्रा के काले पानी में श्रद्धालुओं की डुबकी के बाद फव्वारा स्नान

शिप्रा का जल दिन-ब-दिन प्रदूषित होता जा रहा है लेकिन प्रशासन को इससे कोई फर्क नही पड़ रहा है इतना ही नही श्रद्धालु प्रदूषित जल जो कि काला हो चुका है उसमें नहाने के लिए मजबूर है। गौरतलब है कि कान्ह नदी के गंदे पानी से मैली व दूषित हुई शिप्रा में स्नान के लिए प्रशासन साफ जल उपलब्ध नहीं करा सका। लिहाजा गुरुवार को पूर्णिमा पर स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं को दो बार नहाना पड़ा। पहले उन्होंने मैली शिप्रा में डुबकी लगाई। फिर बदन पर चढ़ी गंदगी को रामघाट पर लगे फव्वारों से धोया। हालांकि प्रशासन ने रामघाट और त्रिवेणी घाट पर सूचना बोर्ड लगवाए थे, ताकि श्रद्धालु मैली शिप्रा में डुबकी न लगाएं, लेकिन श्रद्धालु नहीं माने। जल संसाधन मंत्री हुकुमसिंह कराड़ा ने इंदौर से गंदा पानी कान्ह के रास्ते शिप्रा नदी में आने पर नाराजगी जताई। उन्होंने इस मामले में इंदौर कलेक्टर से भी बात की। बाद में कहा- मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया है। मकर संक्रांति तक हालात सुधरेंगे।

अब देखना होगा कि आखिर मकर संक्रांति तक हालत सुधरते है या जस के तस ही रहते है और लोगो को मैले पानी से ही नहाने पर मजबूर होना पड़ेगा।

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