कांग्रेस को छोड़ हाथी पर सवार हुए पूर्व विधायक बलवीर डण्डोतिया

मुरैना। मुरैना की राजनीति में सोमवार का दिन काफी हलचल मचाने वाला रहा। दिमनी विधानसभा के खांटी नेता बलवीर सिंह डण्डोतिया ने कांग्रेस को छोड़ बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया है। बता दें कि बलवीर सिंह डण्डोतिया बसपा के टिकट पर 2013 में दिमनी विधानसभा से विधायक का चुनाव जीते थे। इससे पहले बसपा के टिकट पर ही 2008 में मुरैना विधानसभा से विधायक का और 2009 में लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं।
चार साल थे सक्रिय
पूर्व विधायक बलवीर सिंह डण्डोतिया ने 2019 में बसपा का दामन छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ले ली थी। चार साल से वह कांग्रेस की सक्रिय राजनीति कर रहे थे। कमलनाथ सरकार गिरने के बाद हुए उप चुनाव में बलवीर सिंह ने पूर्व मंत्री ऐदल सिंह कंषाना के खिलाफ सुमावली विधानसभा से टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने उन्हें अनदेखा कर भाजपा से आए अजब सिंह कुशवाह को टिकट दिया था। करीब छह महीने से कांग्रेस से अलग-थलग से दिख रहे बलवीर सिंह डण्डोतिया ने सोमवार को ग्वालियर में बहुजन समाज पार्टी के संभागीय कार्यालय पर कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल, प्रदेश प्रभारी मुकेश अहिरवार, सुनील बघेल, विद्याराम कौशल, पूर्व विधायक मनीराम धाकड़, सोनेराम कुशवाह और बसपा के जिला अध्यक्ष दीपेंद्र बौद्ध की मौजूदगी में उन्होंने बसपा की सदस्यता ले ली। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बलवीर सिंह बीते दो महीने से उनके संपर्क में थे, पार्टी हाईकमान से हरी झंडी मिलने के बाद उनकी घर वापसी करवाई गई है।
कांग्रेस में बस धोखाधड़ी है-डण्डोतिया
वहीँ पूर्व विधायक बलवीर डण्डोतिया ने बताया कि बसपा में मेरा जीवन बीत गया, कांग्रेस में मन ही नहीं लग रहा था। सात फरवरी को भोपाल में कमल नाथ से मिलने गया, लेकिन वह मिले ही नहीं। वहां तो तभी मिल सकते हैं, जब पैर छुओ। इस उम्र में किस-किस के पैर छूं, मैंने पैर पूजने की नहीं ईमानदारी की राजनीति की है। 2019 में मैंने कांग्रेस ज्वाइन की थी तब कांग्रेस के बड़े नेताओं ने वादा किया था कि मुझे ऐदल सिंह के खिलाफ सुमावली विधानसभा से टिकट देंगे, लेकिन मुझसे धोखा कर भाजपा से आए अजब सिंह को टिकट दिया गया। मैं सीधा-सपाट आदमी हूं, छल-फरेब नहीं जानता, जितना कर सकता हूं वही कहता हूं। कांग्रेस में धोखाधड़ी के अलावा कुछ नहीं। ऐसी पार्टी में चापलूस या बेईमान ही टिक सकते हैं। मैं दिमनी विधानसभा से ही चुनाव लडूंगा।