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दो सालों से सरकारी स्कूल में ताला डाल घर बैठे ले रहे थे बेतन, निगरानी जन शिक्षक समेत 3 सस्पेंड

  • शिक्षक कर रहे थे फर्जीवाड़ा जांच होते ही खुली पोल 
  • ऑनलाइन पोर्टल पर छात्रों की संख्या बताई शून्य 
  • बच्चों के एडमिशन के लिए नहीं किये गए कोई प्रयास 

भोपाल/निशा चौकसे:- भोपाल के सरकारी स्कूल से फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. दरअसल, रातीबढ़ और खजूरी में स्थित शासकीय प्राथमिक स्कूल में निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी भी दंग रह गए जब उन्होंने स्कूल में ताला लगा देखा जिसमे न तो वहां बच्चे थे और न ही शिक्षक। अधिकारियों ने निगरानी जन शिक्षक अरुण मिश्रा को बुलाया, तो उन्होंने बताया कि यहां एक भी बच्चा नहीं है। यहां पर दो शिक्षक तैनात हैं, वे कभी स्कूल आते ही नहीं। इसके बाद जांच में पता चला कि अरुण मिश्रा ने विभाग को गलत जानकारी देते हुए गुमराह किया है। स्कूल में दो बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन शिक्षक कभी स्कूल ही नहीं आए. 

निरीक्षण में मिली लापरवाही की जानकारी 
दो दिन पहले प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरुण शमी ने निरीक्षण किया था। वे वहां से निकलते समय स्कूल में पहुंची थी। जांच में पाया गया कि यहां तैनात शिक्षकों ने बच्चों के एडमिशन के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। इन शिक्षकों के कारण दो ही बच्चे स्कूल में हैं, जबकि पास ही एमपी बोर्ड के प्राइवेट स्कूल में काफी संख्या में बच्चे हैं।

निगरानी जन शिक्षक समेत 3 सस्पेंड
अच्छी बिल्डिंग और अच्छी व्यवस्थाएं होने के बाबजूद भी बच्चों का एडमिशन नहीं होना लापरवाही है। स्कूल की निगरानी जन शिक्षक अरुण मिश्रा की थी, लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभाई।  इस लापरवाही के लिए संयुक्त संचालक लोक शिक्षण भोपाल आरएस तोमर ने अरुण मिश्रा को सस्पेंड कर दिया। जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने बताया कि जेडी ने इसकी कार्रवाई की है। इसके साथ ही दोनों शिक्षकों को भी सस्पेंड किया गया.

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