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Positive News : महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का पहला संक्रमित परिवार 17 दिन बाद लौटा अपने घर ,बताया कैसे बिताये ये दिन

Bhopal Desk ,Gautam

महाराष्ट्र का पहला कोरोना पॉजिटिव केस एक परिवार का मिला था। यह परिवार पहली बार विदेश घूमने गया था जहां से लौटने के बाद परिवार के 3 सदस्य कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। यह परिवार दुबई घूमने गया था जहां से 5 मार्च को वे लोग लौटे और 9 मार्च यानी कि होली के दिन इनको पता चला कि ये लोग वायरस की चपेट में आ गए हैं। फौरन परिवार को Quarantine किया गया और सभी को पुणे के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहां से बुधवार शाम को ये लोग अपने घर वापस आ गए। करीब 17 दिनों तक आइसोलेशन में इन्होंने अपना समय कैसे बिताया और कैसे अपने आप को पॉजिटिव बनाये रखा ये सारी बातें उन्होंने एक मीडिया हाउस से बातचीत के दौरान बताईं।

लगा हमने सारे राज्य को कोरोना दे दिया
कोरोना की पुष्टि हो जाने के बाद हमें बार-बार यह बात कचोटने लगी कि हमारी वजह से 40 अन्य लोगों को भी संक्रमण हो गया होगा। हालांकि, दो दिन बाद ही यह साफ हो गया कि ग्रुप के ज्यादातर लोग नेगेटिव हैं। शुरू में तो हमें ऐसा लग रहा था कि हम पूरे महाराष्ट्र में कोरोना फैलाने के जिम्मेदार हैं। कुछ करीबी दोस्तों को छोड़ दें तो ज्यादातर लोगों के रुख में बदलाव भी देखने को मिला।

ढाई हफ्तों तक एक दूसरे से दूर रहा परिवार
हॉस्पिटल के डॉक्टरों और नर्सों का रवैया पूरे 17 दिन तक बेहद अच्छा रहा। शुरुआती चार दिनों में मुझे, मेरी पत्नी और बेटी को अलग-अलग कमरों में रखा गया और उसके बाद हमें कोरोना मरीजों के लिए बने स्पेशल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। इस वार्ड में मेरे बेड से दो बेड छोड़कर पत्नी को और उससे दो बेड छोड़कर बेटी को रखा गया था। दिन में तीन बार डॉक्टर और नर्स जांच के लिए आते थे। इसी दौरान दवाई भी दी जाती थी। 14 दिन हो जाने के बाद यानी 23 मार्च को फिर से कोरोना जांच की गई, इसमें हमारी रिपोर्ट पहली बार नेगेटिव आई। इसके बाद 25 मार्च को फिर से पूरे परिवार का चेकअप हुआ और सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई। इसके बाद हमें जान में जान आई।

अब यह पूरा परिवार सुरक्षित है और लोगों के लिए एक संदेश भी दे रहा है कि 

जानबूझकर कोरोना से संक्रमित नहीं होता, लेकिन सावधानी जरूरी है
डॉक्टरों की सलाह है कि अभी हम और अगले 14 दिनों तक परिवार के साथ होम क्वारैंटाइन में ही रहें। हम अपने घरों में ही हैं। सभी को हमने अपने घर आने से मना कर दिया है। हमारी दुश्वारियों का समय अब खत्म हो चुका है। हमें उम्मीद है कि फिर से लोग हमें समाज में उसी तरह स्वीकार करेंगे, जैसे हम पहले थे। लोगों को समझना होगा कि कोरोनावायरस कोई जान बूझकर अपने अंदर नहीं लाता है। हमें नहीं पता था कि यह कैसे हमारे भीतर दाखिल हो गया। लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि इससे संक्रमित 99% लोग नियम का पालन कर इससे मुक्ति पा सकते हैं।

 

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