किसानों का रेल रोक आंदोलन : हरियाणा-पंजाब में ज्यादा असर, पुलिस ने किसानों को लिया हिरासत में

हरियाणा/पंजाब – कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 85वां दिन हैं। किसान इस बात पर अड़े हैं कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। भारतीय किसान यूनियन (हरियाणा) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चंढूनी ने एक बार फिर कहा है कि उनका संगठन किसानों के हितों के लिए लड़ रहा है और नए कृषि कानूनों की वापसी तक वे अपने घरों को नहीं लौटेंगे। चंढूनी ने कहा कि देशभर में पंचायत और महापंचायत जैसे कार्यक्रमों के जरिए लोगों को बताया जाएगा कि केंद्र सरकार आम लोगों की नहीं बल्कि कॉरपोरेट्स की हैं। 

इतना ही नहीं इन कानूनों के खिलाफ आज किसान देशभर में रेल रोक रहे हैं। दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ यह सिलसिला शाम 4 बजे तक चलेगा। इस प्रदर्शन का हरियाणा-पंजाब में ज्यादा असर दिख रहा हैं। किसानों के इस प्रदर्शन में राजनीतिक दल भी शामिल हैं। 

किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए मेट्रो रेल प्रबंधन भी एहतियात बरत रहा है। टीकरी बॉर्डर मेट्रो स्टेशन, पंडित श्रीराम शर्मा, बहादुरगढ़ सिटी और ब्रिगेडियर होशियार सिंह मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं। देशभर में रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स (RPSF) की 20 एक्स्ट्रा कंपनियां यानी करीब 20 हजार अतिरिक्त जवान तैनात किए हैं। इनमें से ज्यादातर को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में तैनात किया गया है। 

वहीं, खबर ये भी है कि कुछ कार्यकर्ता पटरी पर लेट गए, पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

किसानों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं। साथ ही जनता तक अपनी बात भी पहुंचाना चाहते हैं। किसी को परेशान करना उनका मकसद नहीं है। इसलिए ट्रेन में सफर कर रहे बच्चों के लिए दूध-पानी के इंतजाम किए गए हैं।

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