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किसानों की मोदी सरकार को खुली चेतावनी, रद्द करे तीनों कानून, नहीं तो पलट देंगे सरकार का तख़्ता

नई दिल्ली – नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी हैं। किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। केंद्र सरकार से बातचीत के बावजूद भी अब तक कोई हल नहीं निकल सका हैं। इसी बीच किसानों ने केंद्र सरकार को चेतावनी दे डाली हैं। 

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे उन्होंने कहा, ‘‘तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केंद्र को संसद का विशेष सत्र आहूत करना चाहिए। पाल ने आगे कहा कि हमने देश भर में विरोध स्वरूप 5 दिसंबर को मोदी सरकार और कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ प्रदर्शन करने और पुतले जलाने का आह्वान किया हैं। पूरे देश में 5 तारीख़ को धरना देंगे। सात तारीख़ को खिलाडी और कलाकार, जिन्हें राष्ट्रीय अवार्ड मिले हैं वे उन्हें वापस दे देंगे। 

वहीं, किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अगर केंद्र तीनों नए कानूनों को वापस नहीं लेगा तो किसान अपनी मांगों को लेकर आगामी दिनों में और कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तो हम दिल्ली की और सड़कों को अवरुद्ध करेंगे। 

बता दे कि किसानों ने केंद्र सरकार को पहले भी चेतावनी देते हुए कहा था कि कृषि क़ानून नहीं बदला तो सरकार का तख़्ता पलट देंगे। किसानों ला कहना है कि सरकार जबतक हमारी बात नहीं सुनते तब तक आंदोलन चलेगा। सरकार नहीं मानी तो और कड़ा कदम उठाएंगे। सरकार को हमारी बात माननी ही पड़ेगी। यह एतिहासिक लड़ाई हैं। हम लंबी लड़ाई के लिए आए हैं। 

गौरतलब है कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेताओं के साथ बैठक बुलाई। ये बैठक दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक चली। जो बेनतीजा रही। सरकार ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे। अब सरकार और किसानों के बीच आज एक और बैठक होनी हैं।

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