देश के राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम, किसानों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू
द लोकनीति डेस्क:गरिमा श्रीवास्तव
किसानों का चक्का जाम आंदोलन अब शुरू हो चुका है.
चक्का जाम को लेकर दिल्ली में एहतियात बरते जा रहे हैं.. बेंगलुरु में एहतियातन 30 किसानों को हिरासत में लिया गया है. कृषि कानून का विरोध कर रहे 40 किसान संगठन आज देशभर में चक्का जाम कर रहे हैं. किसान संगठनों का दावा है कि यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा जरूरी सेवाएं जैसे एंबुलेंस स्कूल बस को नहीं रोका जाएगा.
इस वक्त किसानों ने राजस्थान हरियाणा के बीच शाहजहांपुर बॉर्डर पर जाम लगा दिया. इस पूरे मामले को लेकर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि अन्नदाता का शांतिपूर्ण सत्याग्रह देश हित में है यह तीन कानून सिर्फ किसान मजदूर के लिए ही नहीं जनता और देश के लिए भी घातक हैं पूर्ण समर्थन.
26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा की वजह से दिल्ली पुलिस हाई अलर्ट पर है.. दिल्ली-एनसीआर में पुलिस पैरामिलिट्री और रिजर्व फोर्स के 50000 जवानों को तैनात किया गया.
चक्का जाम का ऐलान क्यों किया गया:-
1 फरवरी को पेश किए बजट में किसानों की मांग की अनदेखी सरकार ने की और दिल्ली की सीमा पर हो रहे आंदोलनों की जगह पर इंटरनेट बंद कर दिए गए जिसके बाद किसानों ने सरकार के इस तानाशाही पर चक्का जाम करने का ऐलान किया. किसान संगठनों का कहना है कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के बाद से कई किसानों के ट्रैक्टर सप्त कर लिए गए हैं दिल्ली बॉर्डर के आसपास की जगह को पूरी तरह ब्लॉक किया जा रहा है इन सब के खिलाफ चक्का जाम किया जा रहा है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कुछ ताकतें इस आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रच रही है 26 जनवरी को भी ऐसा ही किया गया था. इस बार और सजग रखने की जरूरत है नजर रखें और साजिश करने वालों से बचें. वही गाजीपुर बॉर्डर पर जिस जगह पुलिस ने सड़क पर कीले लगाई थी वहीं पर किसानों ने शुक्रवार शाम को मिट्टी डलवा दी.किसानों ने कहा कि सरकार की लोकेशन में कांटे बिछा रही है हम इसी जगह फूल लगा रहे हैं.
किसानों ने बार-बार यह बात कही है कि इनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा. पर अब देखना यह होगा कि क्या वाकई किसान शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने में सफल होंगे या फिर इस प्रदर्शन में फिर से पुलिस को आंसू गैस और वाटर कैनन की जरूरत पड़ेगी.