प्रदेश की भाजपा सरकार अतिथिविद्वानों की समस्याओं के प्रति पूर्ण रूप से संवेदनशील है।हम अतिथि विद्वानों के संघर्षों के साक्षी है।कोरोना संकट के कारण निर्णय होने में देरी हो रही है।फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों की फिर से सेवा में बहाली हमारी प्राथमिकता है।हम जल्द इस संबंध में निर्णय लेने जा रहे है। सभी फॉलेन आउट अतिथिविद्वानों की जल्द सेवा बहाली की जाएगी। यह बातें अतिथि विद्वानों के एक प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के दौरान मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहीं है।
उल्लेखनीय है कि लगातार हो रही अतिथि विद्वानों की मौत से बेचैन विद्वानों का प्रतिनिधि मंडल आज नरोत्तम मिश्रा से भोपाल में मिला तथा उनसे निवेदन किया कि आर्थिक रूप से परेशान और अनिश्चित भविष्य को लेकर लगातार अतिथि विद्वान आत्महत्या कर रहे हैं पिछले 6 महीने से फालेंन आउट होकर दाने दाने को मोहताज है इस पर मंत्री मिश्रा ने उक्त बातें कही।अतिथि विद्वान महासंघ के अध्यक्ष वा नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह,भगवान दास धार्मिक व संगीता धार्मिक प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे।
दो दशकों से उच्च शिक्षा की रीढ़ रहे अब बेरोजगार होकर अतिथि विद्वान आत्महत्या को मजबूर
उच्च शिक्षित अतिथिविद्वान विगत कई वर्षों से अपने नियमितीकरण हेतु आंदोलनरत रहे।पिछले वर्ष का शाहजाहानी पार्क का ऐतिहासिक आंदोलन अतिथिविद्वान नियमितीकरण के संघर्ष में मील का पत्थर साबित हुआ था। इसी आंदोलन का हिस्सा मुख्यमंन्त्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा,गोपाल भार्गव सहित कई भाजपा विधायक व वरिष्ठ नेतागण रहे हैं। विपक्ष में रहते श्री चौहान ने हमसे नियमितीकरण के संघर्ष में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया था। अब जबकि वे प्रदेश के मुखिया की कुर्सी पर आसीन है।अभी भी सरकार के अतिथि विद्वानो के पक्ष निर्णय लेने की उदासीनता के कारण आये दिन अतिथि विद्वान आत्महत्या कर रहे हैं।हम आशा करते हैं कि शिवराज जी अविलम्ब वर्षों से शोषित पीड़ित अतिथि विद्वानों को नियमित कर अपना वादा निभाएंगे और विद्वानों के साथ न्याय करेंगे,प्रदेश के मुखिया से न्याय की गुहार लगातार प्रदेश के विद्वान लगा रहे हैं। उक्त बाते अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के मिडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय ने कही।