पूर्व मंत्री अजय विश्नोई की विधानसभा में 8 दिनों से डूबे आधा दर्जन गांव,ग्रामीण परेशान लेकिन विधायक जी ट्वीटर में व्यस्त 

पूर्व मंत्री अजय विश्नोई की विधानसभा में 8 दिनों से डूबे आधा दर्जन गांव,ग्रामीण परेशान लेकिन विधायक जी ट्वीटर में व्यस्त 

द लोकनीति डेस्क जबलपुर
पूर्व मंत्री अजय विश्नोई जो कि पूर्व सरकार में स्वास्थ मंत्री रहे जो कि इस बार मंत्रिमंडल में तो जगह नहीं बना पाए।  लेकिन अजय विश्नोई मध्यप्रदेश में बड़ा चेहरा माने जाते है और काफ़ी चर्चा में बने रहते है। मौजूद हालत में शिवराज सरकार का ट्वीटर में विरोध करने वाले विश्नोई स्टेट मीडिया में छाए रहते है लेकिन ताज़ा मामला उनकी पाटन -मझौली विधानसभा के विकास को लेकर है। 

 डूबा बम्हौरी पुल – 8 से 10 गाँवो का मझौली से सम्पर्क टूटा देखें video –https://www.facebook.com/111571187006513/posts/184777556352542/

लगातार हो रही बारिश से मझौली तहसील के दर्जनों गांव का यातायात प्रभावित हो चुका है मझौली से बहोरीबंद को जाने वाला मार्ग जहां से तागबिहार, कटरा, सोमा, दुहतरा, बम्होरी, हरदुआ, अमोदा से होते हुए बहोरीबंद का मार्ग बम्होरी पुल में बाढ़ आ जाने की वजह से लोगों का आवागमन बंद हो गया है।  पुल बहुत नीचा है इसलिए पुल से 10 फुट ऊपर पानी हो जाने की वजह से लोगों का आना जाना इस रोड से बंद हो गया है।  आपको बता दें कि पिछले विगत कई वर्षों से यह पुल का निर्माण नहीं  होने की वजह से लोगों का 4 माह बरसात में आवागमन बंद हो जाता है। 
हर साल बारिश में टापू बन जाते है कई गाँव 


पुल के आसपास बसे गाँवों के यही हाल हर साल बन जाते हैं।  वहीं दो-तीन गांव नदी के किनारे जो बसे हैं वह टापू बन जाते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि चुनाव आते ही बम्होरी स्थित पुल को ऊँचा करने के लिए वादे तो जरूर किए मगर सिर्फ चुनाव के समय जनता  से वोट मांगने का एक मुद्दा बन जाता है, उसके बाद नेता भूल जाते हैं। लोगों का कहना है कि बरसात में जहरीले जीव जंतुओं का घर में घुसना आम बात हो चुकी है जिससे गांव में भय व्याप्त रहता है रात्रि में लाइट गोल हो जाने की वजह से जीव जंतुओं से डर लगता है।  शासन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं जाता है क्योंकि मझौली तहसील से यह सुदूर में बसे होने की वजह से यहां का विकास रुका हुआ है।  ग्रामीणों का कहना है कि हम लोगों ने इस बात को लेकर कई बार आवाज में उठाई परंतु इस ओर किसी भी का ध्यान नहीं जा रहा है।
 आख़िर हम जाएं तो जाएं किसके पास ??
हम सभी लोगो ने कई बार नेताओ और अधिकारियों से इस विषय को लेकर कई बार गुहार लगाई ,आश्वासन का झुनझुना तो कई बार पकड़ाया गया लेकिन समस्या को कोई भी समाधान नहीं निकला। मालूम रहे कि 3 साल पहले मूसलाधार बारिश के दौरान बम्होरी गाँव चारों तरफ़ बारिश के पानी से घिर गया था। प्रशासन ने रेस्क्यू कर ग्रामीणों की जान बचाई थी अब फिर वही हाल इस क्षेत्र में बारिश के कारण बनते नज़र आ रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि आख़िर हम  जाएं तो जाएं कहाँ  ???

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