चुनाव हारने के बाद भी इमरती देवी का दबदबा कायम, CM की मेहरबानी से निभा रहीं कैबिनेट मंत्री का दर्जा!!

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में सिंधिया समर्थक तीन मंत्री चुनाव हार गए थे। जिसमें इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया और एंदल सिंह कंसाना के नाम शामिल थे। चुनाव हारने के तुरंत बाद ही एंदल सिंह कंसाना ने मंत्री पद से इस्तीफा तो दे दिया था। जबकि मंत्री इमरती देवी, और मंत्री गिर्राज दंडोतिया ने पिछले महीने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री शिवराज को सौंपा हैं।

लेकिन खास बात ये है इस्तीफा सौंपने के बावजूद भी इमरती देवी अभी भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा निभा रही हैं। जिसको लेकर प्रदेश में बवाल मचा हुआ हैं। 
साथ ही सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार जब यह इमरती देवी चुनाव हार चुकी हैं और इस्तीफा दे चुकी हैं तो फिर कैबिनेट की बैठक में शामिल कैसे हो रहीं हैं?

दरअसल, बीते मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इमरती देवी शामिल हुई थीं। उससे पहले भी हुई कैबिनेट की बैठक में इमरती देवी के अलावा चुनाव हारने वाले मंत्री गिर्राज दंडोतिया शामिल हुए थे। सूत्रों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई मंत्री चुनाव हारने के बाद भी कैबिनेट की बैठक में शामिल हो रहा हैं। 

हालांकि, इमरती देवी का कहना था कि हम सीएम को अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं। वे जब चाहेंगे उसे मंजूर कर देंगे। लिहाजा अभी भी मंत्री हैं और अपने पद पर रहते हुए वह कैबिनेट की बैठक में शामिल हो सकती हैं। उन्होंने कहा था की हम पार्टी लाइन पर काम करते हैं और सीएम कहेंगे वही काम हम करेंग। 

कांग्रेस ने तो इसको लेकर सरकार से सीधे सवाल किया हैं। उसने पूछा है कि आखिर किस कानूनी प्रावधान के तहत इमरती देवी कैबिनेट की बैठक में शामिल हो रही हैं। कांग्रेस का तो यहां तक भी आरोप है कि इमरती देवी चुनाव हारने के बावजूद विभागीय फाइलें निपटा रही हैं। 

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